पेड़ों पर घर बनाते हैं ये नरभक्षी आदिवासी, महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना

इंडोनेशिया: इस देश के पापुआ प्रांत के जंगली इलाकों में कोई भी इंसान नहीं जाता। वहां कोरोवाई आदिवासी रहते हैं। और जानते-बूझते उनके नजदीक कोई भी इंसान नहीं जाता। कारण? ये आदिवासी नरभक्षी होते हैं। अपने कबीले के अलावा बाहर की दुनिया से इनके इलाके में घुसे लोगों को मारकर ये उनका मांस खा जाते हैं। आइये आपको दिखाते हैं कि ये आदिवासी कैसी जिंदगी जीते हैं... 

Asianet News Hindi | Published : Dec 21, 2019 10:00 AM IST / Updated: Dec 22 2019, 12:08 PM IST

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पेड़ों पर घर बनाते हैं ये नरभक्षी आदिवासी, महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना
कोरोवाई एक रहस्यमय जनजाति है जो इंडोनेशिया के पापुआ प्रांत के घने जंगल में पेड़ों पर घर बनाकर रहती है। इस जनजाति को नरभक्षी भी कहा जाता है।
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आज के समय में कुल तीन हजार कोरोवाई लोगों के होने का आंकड़ा मौजूद है।
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इनकी खोज सबसे पहले 1974 में में एक डच मिशनरी ने की थी। उससे पहले किसी को इनके अस्तित्व का पता नहीं था।
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इन लोगों का बाहरी दुनिया से कोई लेना-देना नहीं है। ये लोग पेड़ों पर घर बनाकर रहते हैं ताकि कोई इनपर आक्रमण ना कर सके।
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खाने के लिए ये शिकार पर निर्भर करते हैं। कहा जाता है कि ये नरभक्षी होते हैं। बाहरी इंसानों पर हमला कर वो उनका मांस खा जाते हैं। हालांकि, बीच में इस जनजाति के कबीलों को देखने कई टूरिस्ट आने लगे थे। जिसके बाद ऐसा माना जाने लगा कि इन्होने इंसानों का शिकार करना छोड़ दिया है।
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इस कबीले में महिलाओं की जिंदगी नर्क जैसी होती है। उन्हें सिर्फ बच्चे पैदा करने के लिए साथ रखा जाता है।
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जब इस इलाके में टूरिस्ट की संख्या बढ़ी थी, तब इन महिलाओं को किसी मूलयवान चीज के बदले टूरिस्ट के साथ सुलाया जाता था। हालांकि, 1999 के बाद सरकार ने इस इलाके में वेश्यावृति पर रोक लगवा दी थी।
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लेकिन इनके नरभक्षी होने की खबर के कारण आज आज भी लोग इनके इलाके से दूर ही रहते हैं।
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