अस्पताल में FREE वाईफाई मिलते ही मरीज ने डाउनलोड किये 80 हजार पोर्न, मोबाइल-लैपटॉप की मेमोरी फुल

हटके डेस्क: दुनिया में बच्चों के यौन शोषण के मामले लॉकडाउन में काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। हर देश में बच्चों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं लेकिन फिर भी अपराधी बच्चों की जिंदगी बर्बाद करने से पीछे नहीं हटते। आपराधिक मानसिकता वाले लोग किसी भी हालात में  सिर्फ अपराध के बारे में ही सोचते रहते हैं। अब भला कौन सोच भी सकता था कि अस्पताल में एडमिट एक मरीज वहीँ के पब्लिक वाईफाई से पोर्न पर पोर्न डाउनलोड कर रही होगी। वो भी एक दो नहीं, बल्कि 80 हजार। जी हां, इनमें सभी अश्लील फिल्में बच्चों की थी। जब उसके लैपटॉप की तलाशी ली गई तो उसमें बच्चों की हजारों अश्लील फिल्में मिली। 54 साल की इस ट्रांसजेंडर महिला को इसके बाद अरेस्ट कर लिया गया। अब पुलिस इस कश्मकश में है कि इसे महिला जेल में डाला जाए या पुरुषों के जेल में... 

Asianet News Hindi | Published : Jul 15, 2020 9:56 AM IST

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अस्पताल में FREE वाईफाई मिलते ही मरीज ने डाउनलोड किये 80 हजार पोर्न, मोबाइल-लैपटॉप की मेमोरी फुल

इस ट्रांसजेंडर महिला के लैपटॉप से पुलिस को 80 हजार बच्चों की अश्लील तस्वीरें मिली हैं। इसने इन तस्वीरों को 14 साल के दौरान जमा किये। इसके लिए उसे नौ महीने जेल की सजा सुनाई गई है। 

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54 साल की इस अपराधी की पहचान जूली मार्शल के रूप में हुई। उसने इन सभी अश्लील तस्वीरों को अस्पताल के बिस्तर पर लेटकर पब्लिक वाईफाई के जरिये डाउनलोड किया था। वो अस्पताल में अगस्त 2017 से हार्ट अटैक के बाद एडमिट हुई थी। 

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जिस अस्पताल में जुली एडमिट थी, वहां इंटरनेट पैक काफी जल्द खत्म हो रहा था। ये पब्लिक वाईफाई के हिसाब से काफी तेज था। ऐसे में प्रबंधन ने जांच की कि आखिर सारा इंटरनेट खर्च कहां हो रहा है। इसमें जुली के सिस्टम से डाउनलोड की बात सामने आई। 

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जब उसके मोबाइल की जांच की गई, तो उसमें बच्चों की अश्लील तस्वीरें नजर आई। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने ना सिर्फ जुली का मोबाइल सीज किया बल्कि उसके घर भी गई।  

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घर जाने पर जुली के दो लैपटॉप, एक फोन और कई सीडी बरामद किये गए। इनमें से कुल 80 हजार अश्लील फिल्में मिली। ये तस्वीरें जून 2004 से अप्रैल 2018 के बीच जमा किये गए थे।  
 

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कोर्ट में जब मामले की सुनवाई हुई तो इन तस्वीरों को तेन केटेगरी में बांटा गया। इस हिसाब से कोर्ट ने जुली को 9 महीने जेल की सजा सुनाई। कोर्ट में उसने दुबारा ऐसी गलती ना करने की बात कही।  
 

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लेकिन अब कोर्ट और पुलिस के सामने एक मुसीबत सामने आई। जुली को महिला सेल में डाला जाए या पुरुष सेल में। इसे लेकर अब कोर्ट और पुलिस एक्सपर्ट्स के साथ सलाह कर रहे हैं। 

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बता दें कि यूके में ट्रांसजेंडर अपराधियों को 2016 तक महिला सेल में रखा जाता था। लेकिन कुछ मामलों में इन इन्होने महिला कैदियों पर अटैक किया, जिसके बाद उन्हें पुरुषों के सेल में रखा जाने लगा। लेकिन पुरुषों के सेल में दूसरे अपराधी इनपर अटैक करते हैं। इस कारण जुली के मामले में पुलिस कन्फ्यूज है कि उसे कहां रखा जाए? 

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