याद रहेगा 'हल्ला बोल'
अरब क्रांति
कहां-मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका
कब-2010 से 2012
क्यों- मिस्र, सीरिया, लीबिया और यमन में तानाशाही के खिलाफ और लोकतंत्र की स्थापना के लिए
इस क्रांति की शुरुआत 17 दिसंबर, 2010 को ट्यूनीशिया से हुई थी। इसके बाद मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में लोकतांत्रिक परिवर्तन की लहर जागी थी। इस क्रांति में मिस्र, सीरिया, लीबिया और यमन सहित तमाम अरब देश चपेट में आए। ट्यूनीशिया के तानाशाह अल आबेदीन बेग को सत्ता छोड़नी पड़ी। 11 फरवरी, 2011 को मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने भी भारी हिंसा के बाद कुर्सी छोड़ दी। यमन में अली अब्दुल्लाह सलेह का तीन दशकों का तानाशाही शासन 2012 में समाप्त हुआ। लेकिन इस क्रांति के सकारात्मक परिणाम नहीं निकले। यमन, मिस्र, सीरिया, लीबिया आदि सभी देश शिया-सुन्नी की लड़ाई में बर्बाद हो गए हैं।