पाकिस्तान में लॉकडाउन के बाद इस तरह के हालात का सामना करने को मजबूर हो गई हैं महिलाएं

Published : Apr 02, 2020, 05:26 PM ISTUpdated : Apr 02, 2020, 07:48 PM IST

नई दिल्ली. कोरोना वायरस अब तक पूरी दुनिया में 48 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। इस महामारी का अब तक कोई पुख्ता इलाज भी नहीं है। यही कारण है कि कई देशों ने इसके फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है। बंद के बाद जगह जगह से परेशान लोगों की तस्वीरें भी सामने आई हैं। वहीं कुछ देशों में इस दौरान महिलाओं के साथ हिंसा के भी मामले सामने आए हैं। जिसको को देखते हुए पाकिस्तान ने महिलाओं के लिए नई हेल्पलाइन नंबर की शुरूआत की है। जिस पर पहले ही दिन 34 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।  

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पाकिस्तान में लॉकडाउन के बाद इस तरह के हालात का सामना करने को मजबूर हो गई हैं महिलाएं
हालांकि पाकिस्तान में पहले से ही घरेलू हिंसा के लिए एक हेल्पलाइन नंबर मौजूद थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद हिंसा के मामले बढ़ने के कारण सरकार ने एक नई हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
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हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर पीड़िता को बताया जाएगा कि वे कैसे अपनी शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज करवा सकती हैं। अगर वहां भी उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है, तो संस्थान फौरन SSP को शिकायत दर्ज करने को कहेगा।
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पाकिस्तान में महिलाओं से संबंधित मंत्रालय की प्रवक्ता जिल हुमा ने बताया की अगर SSP भी शिकायत दर्ज नहीं करते हैं तो उन्हें लिखित में इसकी वजह बतानी होगी।
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वहीं इस पुरे मामले पर घरेलू हिंसा के खिलाफ काम करने वाली वकील फातिमा बट का कहना है कि इस तरह की हेल्पलाइन से महिलाओं की समस्‍याओं का हल नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान में पहले से ही हेल्पलाइन नंबर मौजूद है लेकिन वहां शिकायत सुलझाने के बजाय पीड़िता को खुद संबंधित एजेंसियों से संपर्क करने के लिए कहता है।
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लॉकडाउन की वजह से पूरी दुनिया में घरेलू हिंसा में 60% की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में फातिमा का मानना है कि महिलाओं को खुद कदम उठाने चाहिए और पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
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वहीं पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता माहिन गनी ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर लॉकडाउन के समय बच्चों और महिलाओँ के साथ हिंसा में बढ़ोतरी की बातें कबूल की हैं।

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