और तालिबान लड़ाकों से अकेले भिड़ गई ये लड़की; यह जानते हुए भी कि उसे मौत के घाट उतारा जा सकता है

काबुल. 15 अगस्त के बाद से जैसे अफगानिस्तान की महिलाओं की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है। इस दिन तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाकर Taliban के शरिया कानून लागू कर दिया है। पुरुषों को दाढ़ी-मूंछे कटवाने की मनाही है। लेकिन सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को हो रही है। उन्हें 5वीं के बाद आगे स्कूल जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। वहीं, फैशन, जॉब आदि की भी मनाही है। इसे लेकर महिलाएं अब खुलकर विरोध करने लगी हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2021 9:45 AM IST / Updated: Oct 01 2021, 03:33 PM IST
16
और तालिबान लड़ाकों से अकेले भिड़ गई ये लड़की; यह जानते हुए भी कि उसे मौत के घाट उतारा जा सकता है

यह तस्वीर 30 सितंबर की है। काबुल में एक स्कूल के बाहर एक प्रदर्शन के दौरान तालिबान के एक सदस्य के साथ एक महिला प्रदर्शनकारी हाथापाई पर उतर आई। उसे इस बात का भी डर नहीं लगा कि तालिबान अपनी क्रूर सजाओं के लिए जाना जाता है। अफगानिस्तान की महिलाएं अब धीरे-धीरे निडर होती जा रही हैं।

(फोटो गेटी इमेज के माध्यम से BULENT KILIC / AFP द्वारा)
 

26

अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बाद तालिबान ने ऐलान किया है कि वो शरिया कानून के हिसाब से चलेगा। इसमें महिलाओं को कोई खास अधिकार नहीं हैं। इसी को लेकर राजधानी काबुल में शुरुआत से ही महिलाएं प्रदर्शन करती आ रही हैं। यह लड़की भी प्रदर्शन कर रही थी, तभी उसकी तालिबान के लड़ाकों से झड़प हो गई।

(फोटो गेटी इमेज के माध्यम से BULENT KILIC / AFP द्वारा)
 

36

तालिबान विशेष बलों का एक सदस्य 30 सितंबर को काबुल में एक स्कूल के बाहर महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए प्रदर्शन को कवर करने वाले एक पत्रकार (L) को धक्का देता हुआ। 

(फोटो गेटी इमेज के माध्यम से BULENT KILIC / AFP द्वारा) 

46

यह तस्वीर भी 30 सितंबर की है। काबुल में एक स्कूल के बाहर महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदर्शन स्थल के पास एक सड़क के किनारे तैनात तालिबान विशेष बलों के जवानों के पास से गुजरते स्कूली बच्चे। यहां लड़कियों को सिर्फ 5वीं क्लास तक स्कूल जाने की अनुमति है।

(फोटो गेटी इमेज के माध्यम से BULENT KILIC / AFP द्वारा) 

56

 

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अफरा-तफरी का माहौल है। यह तस्वीर 29 सितंबर की है। काबुल में एक गैर सरकारी संगठन (NGO) और तालिबान की सहायता से अपने मूल स्थानों तक पहुंचने के लिए बस में सवार होने के लिए अपने सामान के साथ प्रतीक्षा करते लोग।

होशंग हाशिमी / एएफपी द्वारा गेटी इमेज के माध्यम से फोटो)

66

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान भयंकर आर्थिक संकट में आ गया है। लोगों के पास काम नहीं है। यह तस्वीर NGO और तालिबान की सहायता से काबुल में अपने मूल स्थानों पर लौटने की प्रतीक्षा में बैठे लोगों की है।

(होशांग हाशिमी / एएफपी द्वारा गेटी इमेज के माध्यम से फोटो)
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos