Published : Aug 23, 2021, 08:52 AM ISTUpdated : Aug 23, 2021, 10:01 AM IST
काबुल. Afghanistan में तालिबान (Taliban in Afghanistan) के कब्जे के बावजूद पंजशीर (Panjshir Valley) घाटी अभी भी उनकी पकड़ से दूर है। यहां मसूद के मुजाहिदीन लड़ाकों ने 300 तालिबानियों को मार गिराया है। पंजशीर पर कब्जा करने पहुंचे तालिबानी लड़ाकों को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें घेरकर मार गिराया जाएगा। तालिबानी लड़ाके भारी हथियारों के साथ अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और खुद को अफगानिस्तान का केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित कर चुके अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) का सरेंडर कराने पहुंचे थे, लेकिन मुजाहिदीन लड़ाकों ने घात लगाकर उन पर हमला कर दिया। टोलो न्यूज ने यह दावा किया है। बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान के 33 प्रांतों पर कब्जा कर लिया है। लेकिन पंजशीर अकेल प्रांत है, जहां तालिबान नहीं पहुंच पाया है। तालिबान लड़ाकों पर यह हमला पंजशीर से सटे बगलान प्रांत के अंदराब जिले में बीती रात किया गया है।
तालिबान लड़ाकों का सामना करने बगलान के देह-ए-सलाह में बड़ी संख्या में मसूद के लड़ाके इकट्टा होने लगे हैं। आशंका है कि यहां अब भीषण लड़ाई हो सकती है।
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पहली बार नहीं है, जब तालिबान यहां शिकस्त नहीं खाया हो। 70-80 के दशक में भी तालिबान ने पंजशीर घाटी को कब्जाने पूरा जोर लगा दिया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी। (File Photo:अपने लड़कों के साथ अहमद मसूद)
अफगानिस्तान सरकार में रक्षा मंत्री रहे जनरल बिस्मिल्लाह मोहम्मदी ने ऐलान किया है कि पंजशीर को तालिबान के हाथ में नहीं जाने देंगे। तालिबान का सामना करने यहां 10000 लड़ाके तैयार हैं।
अगर तालिबान पंजशीर पर कब्जा नहीं कर पाता है, तो उसके लिए अफगानिस्तान में सरकार चलाना मुश्किलभरा होगा। हालांकि तालिबान के वार्ताकार लगातार अहमद मसूद के साथ संपर्क में बने हुए हैं।
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पंजशील या पंजशेर के टॉप लीडर रहे अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद का घाटी पर राज है। अहमद शाह ने 9 बार रूसियों को पंजशेर से खदेड़ा था। 11 सितंबर, 2001 में अमेरिका पर हुए अलकायदा के हमले से कुछ दिन पहले ही अहमद शाह मसूद की हत्या हो गई थी। उनके बेटे अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने हाल में द वाशिंगटन पोस्ट के एक ऑप-एड(Opinion editorials) में तालिबान को चेतावनी दी है- ‘मैं आज पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) से लिखता हूं कि अपने पिता के नक्शेकदम पर मुजाहिदीन लड़ाकों के साथ चलने के लिए तैयार हूं। हम तालिबान से एक बार फिर मुकाबला करने को तैयार हैं। अहमद मसूद का दावा है कि उनके पास गोला-बारूद का पर्याप्त भंडार है। उन्होंने अमेरिका से मदद मांगी है।
पंजशीर प्रांत के दारा जिले में सड़क के किनारे राइफल और अफगानिस्तान का झंडा लेकर तालिबान के खिलाफ जोश दिखाते बच्चे। पंजशीर में हजारों लोग अपनी जान बचाने और तालिबान का मुकाबला करने इकट्ठा हो रहे हैं। फोटो क्रेडिट-AFP