पाकिस्तान में चेन से बांध कुत्तों की तरह घसीटा गया, रोज सताता था मौत का डर; एक अल्पसंख्यक लड़की की कहानी

लंदन. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार किसी से छिपा नहीं है। खासकर हिंदू, सिख और ईसाई लड़कियों की कहानी तो और भी दुखभरी है। इन लड़कियों को पहले अगवा किया जाता है, फिर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। हालांकि, पाकिस्तान की ईसाई महिला आसिया बीबी की कहानी थोड़ी अलग है, लेकिन उनके साथ हुए अत्याचार को याद कर वे रोने लगती हैं। आसिया को ईशनिंदा के आरोप में आठ साल जेल में बिताने पड़े। उन्हें उम्मीद थी कि वे एक दिन रिहा हो जाएंगीं।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 1, 2020 7:37 AM IST / Updated: Mar 01 2020, 04:18 PM IST

112
पाकिस्तान में चेन से बांध कुत्तों की तरह घसीटा गया, रोज सताता था मौत का डर; एक अल्पसंख्यक लड़की की कहानी
ईशनिंदा के आरोप में आसिया को मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन हाल ही में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आरोपों से बरी कर दिया। आसिया बीबी कहती हैं कि उन्हें हमेशा से विश्वास था कि एक दिन वह मुक्त होंगी।
212
बीबीसी को शुक्रवार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने जेल में मिलीं यातनाओं और बुरे व्यव्हार को भी याद किया है। आसिया फिलहाल कनाडा में रहती हैं। उनके चार बच्चे हैं।
312
आसिया बताती हैं कि उन्हें जेल में चेन से बांधा जाता था, कुत्तों की तरह घसीटा जाता था। अधिकारी कहते थे कि धर्म बदल लो तुम्हें छोड़ दिया जाएगा।
412
2010 में आसिया को ईशनिंदा का दोषी ठहराया गया था। पड़ोसियों ने झगड़े के बाद आसिया पर इस्लाम और पैगंबर का अपमान करने का आरोप लगाया था। हालांकि, आसिया हमेशा यह कहती रहीं, कि वे निर्दोष हैं।
512
वे कहती हैं कि कष्ट के समय उनके धर्म ने उनकी मदद की। आसिया ने बताया, '' पाकिस्तानी अधिकारियों ने मुझसे कहा कि तुम अपना धर्म बदल लो, तुम्हें मुक्त कर दिया जाएगा। लेकिन मैंने कहा कि नहीं, मैं अपने धर्म के साथ अपनी सजा का सामना करूंगी।''
612
उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा विश्वास था कि उन्हें बरी कर दिया जाएगा। आसिया ने बताया कि उन्हें उनके पति ने बताया था कि उनके लिए पूरी दुनिया में प्रार्थनाएं की जा रही हैं। यहां तक कि पोप ने भी प्रार्थना की है। इससे उन्हें खुशी मिली। उन्हें यकीन हो गया था कि वे बरी होंगी।
712
उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील की कि वे ईशनिंदा में गलत तौर पर आरोपी बनाए गए और दोषी ठहराए गए हर व्यक्ति को रिहा करें तथा आरोपों की उचित जांच कराएं।
812
बीबी को अब भी उम्मीद है कि वे एक दिन पाकिस्तान लौटेंगी। उन्होंने कहा, ''मैंने खुद देश छोड़ा क्योंकि मुझे वहां खतरा था। वहां मुझे कभी भी कुछ भी हो सकता था। इसीलिए मैंने अपना देश छोड़ा। लेकिन मेरे दिल में अब भी अपने देश के लिए पहले जैसा ही प्यार है। मैं अब भी अपने देश का सम्मान करती हूं और मैं वह दिन देखना चाहती हूं जब मैं वहां वापस जा सकूं।''
912
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर 2018 को बीबी को ईशनिंदा के आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान के कट्टर समूहों और राजनीतिक दलों ने इसका खुलकर विरोध किया।
1012
आसिया बीबी के पति आशिक मसीह ने एक वीडियो के माध्यम से अमेरिकी राष्ट्रपति, ब्रिटेन और कनाडा के प्रधानमंत्रियों सहित दुनियाभर के नेताओं से आग्रह किया था कि वे बीबी को पाकिस्तान से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद करें।
1112
सेंटर फॉर सोशल जस्टिस के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में 1987 से 2017 तक ईशनिंदा कानून के तहत 720 मुसलमानों, 516 अहमदियों, 238 ईसाइयों और 31 हिन्दुओं को आरोपी बनाया गया है।
1212
पाकिस्तान में 1.6% ईसाई हैं। इनमें से ज्यादातर वे लोग हैं जो ब्रिटिश सरकार में हिंदू से ईसाई बने थे। आसिया बीबी ने अपनी किताब में लिखा है कि पाकिस्तान में ईसाई समुदाय भेदभाव और प्रताड़ना का शिकार होता है।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos