दरिंदगी: मकान के रेंट के बदले शारीरिक संबंध की डिमांड कर रहे मालिक

नई दिल्ली. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन में उद्योग धंधे बंद हैं। ऐसे में तमाम लोगों की नौकरी भी चली गई है। नौकरी गंवाने के बाद लोगों के पास मकान के किराए तक देने के पैसे नहीं हैं। इसी बीच कुछ चौंकाने वाली खबरें भी सामने आ रही हैं। कुछ मकान मालिक किराए के बदले में शारीरिक संबंध बनाने की मांग कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : May 24, 2020 7:21 AM IST / Updated: May 25 2020, 07:49 AM IST

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दरिंदगी: मकान के रेंट के बदले शारीरिक संबंध की डिमांड कर रहे मालिक

अमेरिका के नेशनल फेयर हाउसिंग अलायंस (एनएफएचए) की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश में करीब 100 से भी ज्यादा हाउसिंग ग्रुप ने लोगों को इस समस्या से जूझते देखा है। इतना ही नहीं अमेरिका में यौन उत्पीड़न के 13% मामले बढ़े हैं।
 

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महिला ने एनएफएचए से अपना दर्द बयां करते हुए कहा, मैं अपने प्रॉपर्टी मैनेजर से साथ सेक्स ना करती तो वह मुझे घर से बाहर निकला देता। सिंगल मदर होने के नाते मेरे पास दूसरा विकल्प ही नहीं बचा था। मैं अपना घर नहीं खोना चाहती थी। 
 

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अमेरिका ही नहीं ब्रिटेन में भी किराए के बदले सेक्स की मांग करने वाले मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं ऑनलाइन विज्ञापनों में भी सेक्स के बदले रेंट फ्री अकोमोडेशन की सुविधा की बात कही जा रही है।

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कोरोना वायरस के चलते लाखों लोगों का रोजगार जा चुका है। वहीं, लॉकडाउन और यात्रा में प्रतिबंध के बाद व्यापार भी बंद पड़े हैं। 

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उत्तरी अमेरिका और यूरोप में प्रशासन ने तमाम प्रकार की योजनाएं शुरू की हैं और निष्कासन संबंधी जिससे लोगों को बेघर ना होना पड़े। 

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किराए के बदले सैक्स की मांग से जुड़ा अभी कोई डाटा उपलब्ध नहीं हो पाया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं को कानून की जानकारी ना होने के चलते उल्टा मकान मालिक का शिकार होने के बाद उनपर वैश्यावृति का आरोप लग सकता है। 

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उत्तरी अमेरिका और यूरोप में प्रशासन ने तमाम प्रकार की योजनाएं शुरू की हैं और निष्कासन संबंधी जिससे लोगों को बेघर ना होना पड़े। 

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यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान चलाने वाली ब्रिटिश संस्था का कहना है कि लॉकडाउन में पहले से ही इसकी आशंका थी किराए के बदले सेक्स की मांग बढ़ेगी। क्योंकि लोगों के पास घर में कैद रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। 

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इतना ही नहीं संस्था का कहना है कि महामारी में वित्तीय संकट से जूझ रहे लोगों को मजबूरन इसका शिकार होना पड़ रहा है। 

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महिलाएं चाहकर भी मामला दर्ज नहीं करा पा रही हैं। क्यों कि उन्हें डर है कि पुलिस से शिकायत करने के बाद उनका घर भी छिन जाएगा।

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