अब हारेगा कोरोना, चीन के इस कंपनी का दावा- वैक्सीन बनाने में हम 99% सफल, ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे मरीज

Published : May 31, 2020, 09:58 AM IST

बीजिंग. दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया के कई देश वैक्सीन की खोज में जुटे हुए हैं। वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों की फौज दिन रात मेहनत कर रही है। इसी बीच वैक्सीन को लेकर चीन से एक खुश कर देने वाली खबर सामने आई है। चीन में बायोटेक कम्पनी सिनोवेट ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की दिशा में काफी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन उसे ट्रायल के लिए मरीज नहीं मिल रहे हैं। कम्पनी का दावा है कि उसका वैक्सीन 99 फीसदी तक असरदार साबित होगा। बायोटेक कम्पनी सिनोवेट का कहना है कि हमने वैक्सीन के 100 मिलियन डोज तैयार करने का लक्ष्य रखा है। 

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अब हारेगा कोरोना, चीन के इस कंपनी का दावा- वैक्सीन बनाने में हम 99% सफल, ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे मरीज

कोरोनावेक रखा है वैक्सीन का नाम 
एकेडमिक जर्नल साइंस में प्रकाशित शोध के मुताबिक, कम्पनी ने वैक्सीन का नाम "कोरोनावेक" रखा है। ट्रायल में पाया गया है कि यह बंदर को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखती है। शोधकर्ता का कहना है कि अगले दौर के ट्रायल के लिए चीन में कोविड-19 के मरीजों की संख्या का कम होना सबसे बड़ी समस्या है। 

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तीसरे दौर का ट्रायल ब्रिटेन में होना है 
कम्पनी अपने दूसरे दौर का ट्रायल कर रही है जिसमें 1 हजार वॉलंटियरों को शामिल किया गया है। वैक्सीन का तीसरा ट्रायल ब्रिटेन में किया जाना है और इसके लिए बातचीत चल रही है। शोधकर्ता लुओ बायशन का कहना है कि मैं 99 फीसदी तक निश्चिंत हूं कि ये वैक्सीन कारगर साबित होगी। 

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सबसे पहले हाई रिस्क जोन वालों को दी जाएगी वैक्सीन 
कम्पनी के सीनियर डायरेक्टर हेलेन येंग का कहना है कि हम तीसरे दौर के ट्रायल के लिए ब्रिटेन और यूरोपीय देश से बातचीत कर रहे हैं। अभी यह शुरुआती दौर में है। वैक्सीन के प्रोडक्शन से पहले रिसर्च पूरी होना बेहद जरूरी है। इसके ट्रायल में सफल होने पर अप्रूवल के बाद सबसे पहले उन्हें दी जाएगी, जो हाई रिस्क जोन में हैं। 

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ऑक्सफोर्ड सबसे पहले ब्रिटेन को देगा वैक्सीन
दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार करने की रेस में हैं। वैक्सीन तैयार होने के बाद भी सभी देशों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है, बड़े स्तर पर इसे तैयार करना और उपलब्ध कराना। देश अपनी ही जनसंख्या में कैसे वैक्सीन देने की प्राथमिकता तय करेंगे। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही ड्रग कम्पनी एस्ट्राजेने का कहना है कि ब्रिटेन पहला देश होगा, जिसे सबसे पहले हमारी वैक्सीन मिलेगी।

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PFIZER का दावा- अक्टूबर तक तैयार हो जाएगी वैक्सीन 
वियाग्रा जैसी दवाओं का आविष्कार करने वाली अमेरिकन फार्मास्यूटिकल कंपनी Pfizer ने दावा किया है कि इस साल अक्टूबर के अंत तक उनकी वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगी।Pfizer के सीईओ अल्बर्ट बुर्ला ने 'द टाइम्स ऑफ इजराइल' के हवाले से बताया, 'अगर सबकुछ ठीक चलता रहा और हमें किस्मत का साथ मिला तो अक्टूबर के अंत तक वैक्सीन तैयार हो जाएगी। एक गुणकारी और सुरक्षित वैक्सीन के लिए हम भरपूर प्रयास कर रहे हैं।'

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इटली में तैयार हुई एंटीबॉडी
इससे पहले इटली ने भी एंटीबॉडी विकसित करने का दावा किया है। यहां सरकार ने दावा किया है कि जिस वैक्सीन को बनाया गया है, वह मानव कोशिका में मौजूद कोरोना वायरस को खत्म कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रोम की संक्रामक बीमारी से जुड़े स्पालनजानी हॉस्पिटल में टेस्ट किया गया है और चूहे में एंटी बॉडीज तैयार किया गया। इसका प्रयोग फिर इंसान पर किया गया और इसने अपना असर दिखाया।

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इजरायल ने भी किया है दावा
इससे पहले इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्‍नेट ने दावा किया कि उनके देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। उन्‍होंने कहा कि इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। रक्षा मंत्री बेन्‍नेट ने बताया कि कोरोना वायरस वैक्‍सीन के व‍िकास का चरण अ‍ब पूरा हो गया है और शोधकर्ता इसके पेटेंट और व्‍यापक पैमाने पर उत्‍पादन के लिए तैयारी कर रहे हैं।

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