मरीजों को तड़पता देख डॉक्टरों ने खुद की जिंदगी दांव पर लगा दी, बिना मास्क-कपड़ों के कर रहे इलाज

बीजिंग. चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप इस कदर हावी है कि लोगों की मौत का तांता टूटने का नाम नहीं ले रहा है। महामारी के रूप में फैले इस वायरस से मरने वालों की संख्या 1631 पहुंच चुकी है। जबकि 67,535 लोगों में संक्रमित होने की पुष्टि की गई है। इन सब  के इतर कोरोना वायरस से लोगों को बचाने में जुटे चिकित्सक भी मौत के मुंह में समा रहे हैं। अब तक 6 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। जबकि 1700 से अधिक चिकित्सक इस वायरस के चपेटे में हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 15, 2020 11:32 AM IST / Updated: Feb 15 2020, 05:44 PM IST
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मरीजों को तड़पता देख डॉक्टरों ने खुद की जिंदगी दांव पर लगा दी, बिना मास्क-कपड़ों के कर रहे इलाज
चीन ने पहली बार यह जानकारी दी है कि डॉक्टर और नर्स बिना मास्क और सुरक्षा उपकरणों के बिना ही लोगों को राहत देने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं। हालात यह हैं कि वुहान में कई डॉक्टरों बिना मास्क और रक्षात्मक कपड़ों के ही मरीजों को देखना पड़ रहा है। इतना ही नहीं अधिकांश डॉक्टर वही मास्क और कपड़े लंबे समय तक पहन रहे हैं, जिसे नियमित अंतराल में बदलना जरूरी है। बावजूद इसके डॉक्टरों ने इलाज नहीं रोका है।
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नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक, शुक्रवार को सिर्फ हुबेई प्रांत में 2420 नए संक्रमित मामले पाए गए। पिछले 24 घंटे में चीन में 143 लोगों की मौत हो गई। अकेले हुबेई प्रांत में 139 लोगों की मौत हुई। चीन के 31 प्रांत कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। हुबेई प्रांत में अब तक 54 हजार 406 मामलों की पुष्टि हुई है।
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चीनी अधिकारी ने बताया कि हुबेई को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आई है। हालांकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बताया कि वायरस की रोकथाम और निगरानी रखने के लिए बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कम्प्यूटिंग के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। संक्रमित मरीजों को दवाइयां और अन्य सुविधाओं की आपूर्ति के लिए अस्पतालों में रोबोट को तैनात किया गया है।
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चीन से बाहर 580 नए मामले पाए गए हैं। फिलीपींस और हॉन्गकॉन्ग में एक-एक जबकि जापान में 80 साल की एक महिला संक्रमित पाई गईं। महामारी से निपटने के लिए चीन को 30 देशों और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मेडिकल संबंधी मदद दी। वहीं, टेक दिग्गज अलीबाबा ने भी इसकी दवा विकसित करने के लिए 1022 करोड़ रु. की मदद दी है।
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डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उसकी टीम के पूरे सदस्य हफ्ते के अंत तक चीन पहुंच जाएंगे। एक टीम पहले ही पहुंच चुकी है। इस टीम में दुनियाभर के 10 विशेषज्ञ हैं। यह टीम बीमारी रोकने के उपाय खोजेगी।
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ठीक हो चुके लोगों से इलाज में मददः चीन में कोरोना वायरस के चपेट में आने के बाद उबर चुके लोगों से ब्लड लिया जाएगा। इसमें मौजूद एंटी बॉडी दूसरे मरीजों के इलाज में कारगर साबित होंगे। अभी तक एंटी वायरल और पारंपरिक दवाईयों से ही इलाज किया जा रहा था।
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चीन के अखबार चाइना डेली ने कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ़ लेने के दावे को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये कोरोना वायरस का सबसे इफेक्टिव इलाज है। कहा जा रहा है कि इस इलाज के जरिए नोवल कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों का इलाज किया जा चुका है और कई मरीज इससे ठीक हो चुके हैं।
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