खतरनाक ज्वालामुखियों के देश इंडोनेशिया की चौंकाने वाली तस्वीर, जीवन को यूं कंकाल में बदल देता है खौलता लावा

जकार्ता. इंडोनेशिया का एक सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापी (Mount Merapi Volcano) फिर से धधक उठा है। इससे उठी गर्म राख और धुआं जावा के घनी आबादी वाले द्वीप पर चारों तरफ फैला हुआ है। इंडोनेशिया में 130 सक्रिय ज्वालामुखी है। यहां जीवन हमेशा खतरे में रहता है। ज्वालामुखी से रिसता गर्म लावा धीरे-धीरे कई क्षेत्रों को बर्बाद करता जा रहा है। योग्याकार्ता के ज्वालामुखी एवं भूवैज्ञानिक केंद्र के प्रमुख हानिक हुमैदा के मुताबिक, ज्वालामुखी के फटने की जोरदार आवाज दूर-दूर तक सुनाई पड़ी। इसके आसपास रहने वाले लोगों को 5 किमी दूर चले जाने को कहा गया है। इससे पहले मेरापी में 2010 में ज्वालामुखी फटने से 350 लोगों की मौत हो गई थी। ज्वालामुखी कैसे जीवन समाप्त करता है, यह तस्वीर यही दिखाती है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 9, 2021 6:25 AM IST / Updated: Aug 09 2021, 12:01 PM IST

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खतरनाक ज्वालामुखियों के देश इंडोनेशिया की चौंकाने वाली तस्वीर, जीवन को यूं कंकाल में बदल देता है खौलता लावा

माउंट मेरापी (Mount Merapi Volcano) रविवार फटा। ज्वालामुखी से चट्टानों के टुकड़े भी निकल रहे हैं। यह तस्वीर जकार्ता के एक बड़े ज्वालामुखी की एक करीबी जगह की है। यह तस्वीर सोचने पर विवश करती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि किसी भी परिस्थिति के पीछे कोई न कोई कारण होता है। इसकी जांच करनी चाहिए। इंडोनेशिया में ज्वालामुखी का फटना आम बात है।

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इंडोनेशिया में करीब 17000 द्वीप हैं। यहां करीब 130 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। ज्वालामुखियों के फटने के कारण यहां भूकंप आना आम बात है। बता दें कि इंडोनेशिया में हर साल भूकंप और उसके बाद सुनामी आती है। 2004 में भूकंप के बाद इतनी जबर्दस्त सुनामी आई थी कि हिंद महासागर के तटीय इलाके तबाह हो गए थे। इसमें करीब सवा दो लाख लोग मारे गए थे। इनमें सवा लाख लोग सिर्फ इंडोनेशिया के थे। 2008 में भी यहां 7.5 तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसमें 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने और भूकंप से नई झीलें बनती रहती हैं। इनका रंग बदलता रहता है। यह तस्वीर सैटेलाइट से ली गई है।

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इंडोनेशिया फायर आफ रिंग पर मौजूद है।  इसी वजह से यहां अकसर भूकंप आते रहते हैं। रिंग्स ऑफ फायर प्रशांत महासागर की घाटी का मुख्य हिस्सा है। यह 4000 किमी एरिया में फैला है। यहां अकसर ज्वालामुखी फटते रहते हैं। इसकी वजह से भूकंप और सुनामी आते रहते हैं।

(तस्वीर: मेरापी इंडोनेशिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। यह औसत हर 5-10 साल में फटता है। इसे घातक पाइरोक्लास्टिक pyroclastic  के प्रवाह की हमेशा आशंका बनी रहती है। पाइरोक्लास्टिक मतलब इसमें गर्म चट्टानें और गैस निकलती हैं। इससे लावा के गुंबदों का निर्माण हो जाता है।)

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रिंग्स ऑफ फायर (Rings of Fire) यानी ज्वालामुखीय व भूकम्पीय श्रृंखला है। यहां करीब 450 ज्वालामुखी हैं। यानी दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी इसी रिंग ऑफ फायर में पाए जाते हैं।

यह तस्वीर इंडोनेशिया के ब्लू फायर  कावा इजेन  ज्वालामुखी (Blue Fire Kawah Ijen Volcano) की है। 

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रिंग्स ऑफ फायर घोड़े के नाल (Horseshoe shaped) के आकार वाला क्षेत्र है। यह प्रशांत महासागर में दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका महाद्वीप से लेकर पूर्वी एशिया, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक फैला हुआ है। इंडोनेशिया भी इसी 'रिंग्स ऑफ फायर' पर मौजूद होने से प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होता रहता है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 11,700 सालों में हुए 25 सर्वाधिक विनाशकारी ज्वालामुखी ‘रिंग्स ऑफ़ फायर’ में ही आए। रिंग्स ऑफ फायर में ज्वालामुखी आने की वजह इसका क्षेपण मंडल (Subduction Zone) में स्थित होना है। क्षेपण मंडल को आप सरल भाषा में कह सकते हैं कि भूगर्भीय प्रक्रिया। यहां स्थलमंडलीय (Lithospheric) प्लेटें आपस में टकराती हैं।

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