कैप्टन शर्मा के अनुसार, उस समय बांग्लादेश के राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान पाकिस्तान में कहीं जेल में थे। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि बाहरी दुनिया में क्या चल रहा है। बांग्लादेश के लिबरेशन वॉर म्यूजियम के मुताबिक शाम करीब 4:45 बजे जनरल नियाज़ी रेसकोर्स पहुंचे। आखिरी बार दोनों पक्षों के सैनिकों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शाम करीब 5 बजे जनरल अरोरा और जनरल नियाजी रेस कोर्स में एक टेबल पर बैठे। शाम 5:01 बजे नियाज़ी ने कागज पर हस्ताक्षर किए और आधिकारिक तौर पर बांग्लादेश को एक स्वतंत्र, स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में स्वीकार किया। हालांकि, समर्पण के सही समय के बारे में कुछ पुस्तकों में शाम 4 बजे से शाम 5 बजे के बीच अलग-अलग समय का उल्लेख है।
बता दें कि कैप्टन शर्मा अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं। यह तस्वीर 7 जून 2014 की है, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।