कोरोना के आगे हारी दुनिया लेकिन इस छोटे से देश ने जीती जंग, ऐसे दी खतरनाक वायरस को मात

वेलिंगटन.  दुनिया में जारी कोरोना के कहर के बीच न्यूजीलैंड से एक राहत भरी खबर सामने आई है। न्यूजीलैंड ने कोरोना वायरस पर जीत हासिल कर ली है। जिसके बाद अब आज आधी रात से लॉकडाउन को पूरी को तरह से हटा दिया जाएगा। सोमवार को न्‍यूजीलैंड में कोरोना वायरस के आखिरी एक्टिव केस के ठीक होने के बाद अब अधिकारियों ने यह फैसला ल‍िया है। स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों ने बताया कि पिछले 17 दिन में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 8, 2020 9:55 AM IST / Updated: Jun 08 2020, 03:38 PM IST
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कोरोना के आगे हारी दुनिया लेकिन इस छोटे से देश ने जीती जंग, ऐसे दी खतरनाक वायरस को मात

शादी, अंतिम संस्कार और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से हटेगी पाबंदी
न्‍यूजीलैंड में एक महिला आखिरी कोरोना वायरस मरीज थीं लेकिन उनमें भी पिछले 48 घंटे से कोई लक्षण सामने नहीं आया है। महिला मरीज आकलैंड के एक अस्‍पताल में भर्ती है। 
 

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प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डेन ने ऐलान किया है कि उनका देश लेवल-1 अलर्ट से आगे बढ़ेगा। सोमवार आधी रात से शादियों, अंतिम संस्‍कार और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बिना किसी पाबंदी के शुरू किया जाएगा।

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अगले सप्ताह घोषित होगा कोरोना फ्री देश 
न्‍यूजीलैंड में यदि अब एक भी कोरोना के केस नहीं आते हैं तो अगले सप्‍ताह देश को कोरोना वायरस से मुक्‍त घोषित कर दिया जाएगा। करीब 50 लाख की आबादी वाले इस देश में कुल 1504 लोग कोरोना की चपेट में आए थे और 22 लोगों की मौत हुई थी।
 

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अभी नहीं खोली जाएंगी सीमाएं
सरकार ने लॉकडाउन को खत्म करने का ऐलान किया है। हालांकि दुनिया में बढ़ते कोरोना के संक्रमण को देखते हुए न्यूजीलैंड की सरकार ने अभी बॉर्डरों को खोलने की अनुमति नहीं दी है।

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प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने मीडिया से बात करते हुए कहा-देश में अब कोी एक्टिव केस नहीं है। हम बाकी पाबंदियां हटाने जा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को उन्होंने शुक्रिया भी अदा किया, जिन्होंने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेंन करने में काफी मदद की। 

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75 दिन के सख्त लॉकडाउन में मिली कामयाबी 
न्यूजीलैंड की सरकार ने देश में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए 25 मार्च को देश में लॉकडाउन लागू किया था। जिसके बाद यहां लोगों ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन किया।

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जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन 17 मई को अपने मंगेतर क्लार्क गेफोर्ड के साथ राजधानी वेलिंगटन के एक रेस्त्रां पहुंची थी। जहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के तहत जगह न होने पर उन्हें इंतजार करना पड़ा था। 

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कैसे मिली जीत 
फरवरी में ही चीन से आने वाले यात्रियों की एंट्री पर रोकः न्यूजीलैंड में कोरोना का पहला मरीज 28 फरवरी को मिला था। लेकिन, उससे पहले से ही सरकार ने इससे निपटने की तैयारियां शुरू कर दीं। 3 फरवरी से ही सरकार ने चीन से न्यूजीलैंड आने वाले यात्रियों की एंट्री पर रोक लगा दी थी।

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इसमें न्यूजीलैंड के नागरिकों और यहां के परमानेंट रेसिडेंट को छूट थी। इसके अलावा, जो लोग चीन से निकलने के बाद किसी दूसरे देश में 14 दिन बिताकर आए, उन्हें ही न्यूजीलैंड में आने की इजाजत थी।

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5 फरवरी को ही न्यूजीलैंड ने चीन के वुहान में फंसे अपने यात्रियों को चार्टर्ड फ्लाइट से रेस्क्यू कर लिया। इनमें 35 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक भी थे। इन सभी लोगों को आर्मी के बनाए क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन रखा गया। जहां टेस्टिंग और क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद उन्हें घर जाने दिया गया।
 

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20 मार्च से विदेशी नागरिकों की एंट्री बैन
न्यूजीलैंड की सरकार ने 20 मार्च से ही विदेशी नागरिकों की एंट्री पर रोक लगा दी थी, जबकि भारत में 25 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हुईं।

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4-लेवल अलर्ट सिस्टम बनाया, बहुत पहले ही लॉकडाउन लगाया23 मार्च को न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में अभी कोरोना के 102 मामले हैं। लेकिन, इतने ही मामले कभी इटली में भी थे।'

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ये कहने का मकसद एक ही था कि अभी नहीं संभले तो बहुत देर हो जाएगी।’ वहां की सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए 4-लेवल अलर्ट सिस्टम बनाया। इसमें जितना ज्यादा लेवल, उतनी ज्यादा सख्ती, उतना ज्यादा खतरा।
 

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21 मार्च को जब सरकार ने इस अलर्ट सिस्टम को इंट्रोड्यूस किया, तब वहां लेवल-2 रखा गया था। उसके बाद 23 मार्च की शाम को लेवल-3 और 25 मार्च की दोपहर को लेवल-4 यानी लॉकडाउन लगाया गया। जिसके बाद 26 अप्रैल से वहां लेवल-4 से लेवल-3 लागू कर दिया गया है। न्यूजीलैंड में जब लॉकडाउन लगा तब वहां कोरोना के 205 मरीज थे।

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कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कीन्यूजीलैंड में अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिलता, तो वहां की सरकार 48 घंटे के अंदर उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी करती है। यानी, किसी व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसके सभी करीबी रिश्तेदारों-दोस्तों को कॉल किया जाता था और उन्हें अलर्ट किया जाता था। ऐसा इसलिए ताकि लोग खुद ही टेस्ट करवा लें या सेल्फ-क्वारंटाइन में चले जाएं।

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लॉकडाउन तोड़ने वालों पर सख्ती, तुरंत एक्शन
25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद भी कुछ लोग घरों से बाहर निकल रहे थे। इनमें ज्यादातर यंगस्टर्स थे। इस पर प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डन ने समझाइश दी कि देश में कोरोना के ज्यादातर मामले 20 से 29 साल के लोगों में आ रहे हैं। अगर आप घर से बाहर निकलेंगे तो आपको कोरोना होने के चांस ज्यादा हैं। इसके साथ ही सरकार ने यह साफ कर दिया कि लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। 
 

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