अम्मी जान कहती थीं-हर पााकिस्तानी में एक भारत बसता है, कभी 10 साल बड़ी हिना से अफेयर था, अब सीखेंगे डिप्लोमेसी

इस्लामाबाद. ये हैं पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो(Bilawal Bhutto Zardari Minister of Foreign Affairs) यानी पाकिस्तान की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो के बेटे। बिलावल भुट्टो जरदारी ने 27 अप्रैल को 37 वें विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली है। ये पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी( Pakistan Peoples Party) के अध्यक्ष हैं। इनके पिता पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कैबिनेट के बाकी सदस्यों ने शपथ ली थी, तब बिलावल मौजूद नहीं थे। बिलावल को विदेश नीति का कुछ भी अनुभव नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि वे भारत से रिश्ते सुधारने की दिशा में सकारात्मक सोच रखते हैं। वे ऐसी नई पीढ़ी के नेता हैं, जिन्हें पाकिस्तान में पसंद किया जाता है। इन्हीं की ही पार्टी की नेता हिना रब्बानी खार को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया है। हिना अनुभवी हैं। वे 2011-2013 में भी पाकिस्तान की विदेश मंत्री का दायित्व संभाल चुकी हैं। चूंकि बिलावल की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक तौर पर मजबूत है, इसलिए उन्हें सीनियर की श्रेणी में ही रखा जाता है। वे अपनी मां और पिता से राजनीति के दांव-पेंच खूब सीखे हैं। अब अपनी पार्टी की जूनियर मंत्री से नए नुस्खे सीखेंगे। 

Amitabh Budholiya | Published : Apr 29, 2022 3:14 AM IST / Updated: Apr 29 2022, 08:49 AM IST

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अम्मी जान कहती थीं-हर पााकिस्तानी में एक भारत बसता है, कभी 10 साल बड़ी हिना से अफेयर था, अब सीखेंगे डिप्लोमेसी

भारत को लेकर बिलावल भुट्टो का नजरिया सकारात्मक है। यह 2012 की बात है, जब बिलावल भुट्टो पहली बार भारत यात्रा पर आए थे। तब उन्होंने अपनी मां का एक वाक्या सुनाया था। उन्होंने बताया था कि उनकी मां यानी बेनजीर भुट्टो कहा करती थीं  कि ‘हर पााकिस्तानी में एक भारत बसता है।’बिलावल अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान काफी प्रफुल्लित दिखे थे। वे अजमेर शरीफ दरगाह पर जियारत करने भी पहुंचे थे। 

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दरअसल, बेनजीर भुट्टो ने अपनी आत्मकथा में खुद को राजस्थान के भाटी राजपूतों का वंशज बताया था। 2020 में जैसलमेर रियासत के पूर्व महाराज बृजराज सिंह के निधन पर भुट्टो परिवार ने शोक संदेश भी भेजा था। कहा जाता है कि राजस्थान के भाटी, भट्टी राजपूत जब पाकिस्तान जाकर बसे, तो वे भुट्टो कहलाने लगे।

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बता दें कि मात्र 35 साल की उम्र में पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनने वाली बेनजीर भुट्टो की 2007 में आतंकियों ने हत्या कर दी थी। पाकिस्तान में राजनीति हत्याओं का दौर चलता रहता है। यह पहली बार है जब बिलावल को सरकार में एक महत्वपूर्ण पद दिया गया है और विदेश मंत्री का महत्वपूर्ण विभाग सौंपा गया है। वह 2018 में नेशनल असेंबली के लिए चुने जाने वाले पहले व्यक्ति थे। (पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बिलावल)

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 पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक वंश के वंशज बिलावल भुट्टो जरदारी के सामने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान इमरान खान की रूस यात्रा के चलते अमेरिका के साथ पैदा हुए तनावपूर्ण संबंधों को दुरुस्त करने और भारत के साथ शांति प्रक्रिया की बहाली एक बड़ी चुनौती है।

(बिलावल भुट्टो अपनी बहन आसिफा भुट्टो जरदारी के साथ)

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बिलावल की पार्टी पीपीपी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदा गठबंधन सरकार में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इस समय पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक दोनों स्तर पर बेहद खराब दौर से गुजर रहा है। बिलावल के लिए इसमें सुधार लाना भी एक बड़ी चुनौती है।

(पाकिस्तान की नई सरकार में मंत्री पद की शपथ लेते बिलावल)

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अपनी जूनियर मंत्री हिना के साथ बिलावल के अफेयर के चर्चे होते रहे हैं। एक बार पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि बिलावल से निकाह करने के लिए हिना अपने अरबपति शौहर फिरोज गुलजार को तलाक देने तक को तैयार थीं। हालांकि बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी तब पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति थे, वे इस रिश्ते के लिए राजी नहीं हुए। हिना उम्र में बिलावल से 10 साल बड़ी हैं। निकाह में बाधा बनने की एक बड़ी वजह यह भी रही।

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