पाकिस्तान में आटे दाल के लिए भी परेशान थे लोग, अब डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने गंवाई नौकरियां
नई दिल्ली.कोरोना ने पाकिस्तान की कमर तोड़ रखी है। संक्रमण के चलते पाक को तीन महीने में 25,00 अरब रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। साथ ही करोड़ो लोगों के बेराजगार होने की भी आशंका है। ऐसा माना जा रहा है कि पहले से ही आर्थिक तंगी से बेहाल पाकिस्तान के अब और बुरे दिन आ गए हैं। लगभग 1.85 करोड़ लोग इस महामारी के कारण पाक में बेरोजगार हो सकते हैं।
पाकिस्तान के एक स्थानीय अखबार दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, यह अनुमान पाकिस्तान में पूर्ण लॉकडाउन को ध्यान में रखकर लगाया गया है। जिसमें वायरस की रोकथाम के लिए दिए गए छूटों को भी ध्याम में रखा गया है।
हालांकि पाकिस्तान में अभी पूर्ण लॉकडाउन नहीं हुआ है लेकिन कुछ चिजों को छोड़ कर बाकी चीजों को बंद ही कर दिया गया है। ऐसे में पहले से ही आर्थिक तंगी से बेहाल पाकिस्तान के पास और बोझ बढ़ गया।
पाकिस्तान धीरे धीरे पूर्ण लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा है । अखबार ने बताया कि गुरूवार को योजना मंत्रालय में कई मंत्रालयों की बैठक हुई। इसी बैठक में नुकसान का आकलन किया गया है।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स के शुरूआती शोध और विभिन्न सरकारी निकायों से प्राप्त आंकड़ो पर चर्चा की । जिसके अनुसार यह अनुमान लगाया गया कि पाक को आने वाले 3 महीने में 2,500 अरब रूपये का नुकसान हो सकता है।
योजना मंत्रालय ने आकलन के बाद पाया कि सीमित लॉकडाउन की स्थिति में अर्थव्यवस्था को 1,200 अरब रूपये का नुकसान हो सकता है। वहीं यदि कुछ चीजों में छूट के साथ लॉकडाउन किया जाता है तो इस स्थिति में यह नुकसान बढ़ कर 1,960 अरब रूपये तक पहुंच जाएगा। वहीं अगर पूरी तरह से देश को लॉकडाउन किया जाता है तो इस स्थिति में 2,500 अरब रूपये तक यह नुकसान पहुंच सकता है।
मंत्रालय ने नुकसान के साथ प्राथमिक आकलन में यह भी पाया है कि अगर सीमित लॉकडाउन किया जाता है तो इस स्थिति में 14 लाख लोगों के बेराजगार होने की आशंका है। वहीं यदि कुछ चीजों में छूट के साथ लॉकडाउन किया जाता है तो इस स्थिति में 1.23 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है।
वहीं अगर पाकिस्तान में पूर्ण लॉकडाउन की स्थिति बनती है , या देश को बंद किया जाता है तो ऐसे में 1.85 करोड़ लोगों की नौकरियां जा सकती है।
हालांकि यह अनुमान एक आकलन के तहत लगाया जा रहा है। जहां पहले से ही पाकिस्तान में आर्थिक तंगी और बेरोजगारी का आलम है तो ऐसे में यह साफ तौर पर अनुमान लगाया जा सकता है कि पूर्ण लॉकडाउन में पाकिस्तान की क्या स्थिति हो सकती है।