कोरोना से नहीं होगी मौत! यह छोटा डिवाइस कर रहा अलर्ट, वेंटिलेटर पर जाने से पहले बचेगी जान

लंदन. कोरोना वायरस का दुनिया भर में कहर जारी है। मौत का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम देश अपने लोगों को मौत से बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन कुछ खास सफलता नहीं हाथ लग रही है। इन सब के बीच मौत से बचाने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर डिवाइस को उपयोगी माना गया है। बताया जा रहा है कि यह डिवाइस ऑक्सीजन के लेवल की जानकारी देती है। इससे मरीज को गंभीर हाल में जाने से बचाया जा सकता है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 23, 2020 7:40 AM IST / Updated: Apr 23 2020, 02:06 PM IST
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कोरोना से नहीं होगी मौत! यह छोटा डिवाइस कर रहा अलर्ट, वेंटिलेटर पर जाने से पहले बचेगी जान

डिवाइस की कीमत लगभग 1800 रुपए है। यह डिवाइस वेंटिलेटर की कमी का विकल्प साबित हो सकती है क्योंकि इससे अलर्ट मिल जाए तो समय पर इलाज से जान बच सकती है।
 

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उंगली पर लगाया जाता है यह डिवाइस 
एक्सपर्ट का दावा है कि माचिस के आकार वाली यह डिवाइस शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बताकर अलर्ट करती है और संक्रमित मरीज को गंभीर हालात में पहुंचने से रोक सकती है। इसे मरीज की उंगली पर लगाया जाता है। 

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लक्षण दिखने से पहले ही कर देती है अलर्ट 
अमेरिकी डॉक्टर डॉ. रिचर्ड लेविटन के मुताबिक, सांस लेने में तकलीफ, बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखने से पहले ही अलर्ट करती है। महज दो हजार रुपए की इस डिवाइस से मैंने अपने दो दोस्तों की जान बचाई है। 

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कोरोना के संदिग्ध मरीज इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह डिवाइस 5 साल पहले ही मार्केट में आ गई थी लेकिन बढ़ते संक्रमण के मामलों के बाद इसका इस्तेमाल अब बढ़ रहा है। 
 

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ऐसे काम करती है डिवाइस
इस डिवाइस में सेंसर लगा है जो उंगली के दूसरी तरफ से निकलने वाली रोशनी की किरणों को पढ़ता है। शरीर में ऑक्सीजन और बिना ऑक्सीजनयुक्त वाले रक्त से गुजरने वाली प्रकाश की किरणें अलग-अलग तरह की होती हैं। 

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यह डिवाइस इसे पहचानकर बताती है रक्त में ऑक्सीजन की कितनी कमी है। रीडिंग को डिवाइस के डिस्प्ले सिस्टम पर देखा जा सकता है।

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ऑक्सीजन 2 फीसदी गिरते ही डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस के पूर्व एडवाइजर डॉ. निक समरटन के मुताबिक, यह डिवाइस की मदद से ऑक्सीजन का लेवल पता चलता रहा है जो हृदय और फेफड़ों की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। 

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शरीर में ऑक्सीजन 2-3 फीसदी तक गिरते ही इंसान डॉक्टर से इलाज ले सकता है। एक्सपर्ट की माने तो मरीज गंभीर हालात में जाने से बच जाएगा। जिससे उसकी जान को कोई खतरा नहीं होगा। 
 

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रिचर्ड लेविटन कहते हैं कि कोरोना के खौफ के बीच इस समय सबसे ज्यादा वेंटिलेटर की जरूरत है। इस दौरान संक्रमित इंसान पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से शरीर का तापमान और खांसी जैसे लक्षण मॉनिटर करके वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहे मरीजों की मदद कर सकते हैं। इसकी खासियत है कि घर या ऑफिस दोनों जगह इसकी मदद से अलर्ट रहा जा सकता है। 

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दुनिया में कोरोना 
दुनिया के 210 देश कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या 26 लाख 37 हजार 716 तक पहुंच गई है। जबकि अब तक 1 लाख 84 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के संक्रमण से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित है। यहां अब तक 47 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, फ्रांस में भी कोरोना का कहर जारी है।

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