जानिए यात्रा के दौरान क्या-क्या हुआ?
राजनाथ सिंह ने 6 सितंबर उलानबटार में अपने मंगोलियाई समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल सैखानबयार गुरसेद के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने मंगोलिया के राष्ट्रपति और अध्यक्ष ग्रेट खुराल से भी मुलाकात की। रक्षा मंत्री ने भारत की सहायता से निर्मित एक साइबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर का भी उद्घाटन किया। उन्होंने भारतीय सहायता से बनने वाले भारत-मंगोलिया मैत्री स्कूल की आधारशिला रखी।
द्विपक्षीय वार्ता: 5 सितंबर की रात को मंगोलिया पहुंचने के बाद उलानबटार में रक्षा मंत्रालय में राजनाथ सिंह को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनके व्यस्त दिन की शुरुआत हुई। इसके बाद रक्षा मंत्री और उनके मंगोलियाई समकक्ष के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने के लिए प्रभावी और व्यावहारिक पहल पर चर्चा की और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। दोनों मंत्रियों ने भारत-मंगोलिया संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) को पुनर्जीवित करने के अपने संकल्प को भी दोहराया, जिसकी बैठक इस वर्ष के अंत में भारत में होगी।
कॉल ऑन: राजनाथ सिंह ने मंगोलिया के राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ उखनागिन खुरेलसुख से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने 2018 में अपने मजबूत संबंधों और पिछली बातचीत को याद करते हुए भारत की सहायता से चल रही तेल रिफाइनरी परियोजना की आधारशिला रखी थी। उन्होंने मंगोलिया के स्टेट ग्रेट खुराल के अध्यक्ष जी जंडनशतर से भी मुलाकात की।
बता दें कि भारत ने 1955 में मंगोलिया के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। मंगोलिया ने भारत को एक रणनीतिक भागीदार और आध्यात्मिक पड़ोसी घोषित किया है। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान दो एशियाई लोकतंत्रों के बीच रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की गई थी। रक्षा मंगोलिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।