अफगानिस्तान में लश्करगाह नामक जगह से जब ये विस्थापित व्यक्ति दो सप्ताह बाद काबुल पहुंचा। व्यक्ति ने मायूस होकर कहा कि उसे नहीं पता कि उसका घर किसने नष्ट किया, सेना ने या तालिबान ने। उसे बस इतना पता है कि उसने अपना सबकुछ खो दिया है।
(twitter पेज @francesca mannocchi से साभार)