अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तालिबान तेजी से अफगानिस्तान में अपने पैर पसार रहा है। तालिबानी शासन को जिन लोगों ने भोगा है, उनकी रूह कांपने लगी है। खासकर; महिलाओं के लिए तो अफगानिस्तान फिर से जहन्नुम यानी नरक की धरती बनता जा रहा है। लेकिन जो लोग अफगानिस्तान मे अमन-चैन आजादी के पक्षधर हैं, वे तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। यह तस्वीर भी ऐसी ही एक अफगानी पुलिस अधिकारी अहमद शाह की है। जब दक्षिणी प्रांत कंधार में तालिबान ने कब्जा किया, तो ये अकेले 18 घंटे तक लड़ता रहा। बाद में सुरक्षाबलों ने उसे बचा लिया। अहमद शाह अपने 14 साथियों के साथ एक पुलिस चौकी पर तैनात थे, जब तालिबान ने हमल किया। अहमद ने कहा कि उन्होंने तालिबान के आगे घुटने नहीं टेके। आगे देखें तालिबान के खौफ की बानगी...