कभी जर्नलिस्ट था, लेकिन एक गलत कदम ने बना दिया मोस्ट वॉन्टेड इंटरनेशनल टेरेरिस्ट, बाप चलाते थे डेयरी

आतंकवाद के बूते अपनी 'दुकान' चलाने वाला यह आतंकी फिर से चर्चाओं में है। पाकिस्तान की एंटी टेररिज्म कोर्ट ने गुरुवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस पर टेरर फंडिंग का आरोप है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब मसूद आतंकवाद का चेहरा बनकर सामने आया है। 1 मई, 2019 को संयुक्त राष्ट्र परिषद ने इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था। ये कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को CRPF के काफिले में हुए हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हुए इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।  पढ़िए इस आतंकवादी की कहानी...
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2021 4:31 AM IST / Updated: Jan 08 2021, 06:10 PM IST

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कभी जर्नलिस्ट था, लेकिन एक गलत कदम ने बना दिया मोस्ट वॉन्टेड इंटरनेशनल टेरेरिस्ट, बाप चलाते थे डेयरी

मसूद अज़हर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक है। यह आतंकी संगठन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से ऑपरेट होता है। इस पर कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप है। यहली बार 1994 में पुर्तगाल के पासपोर्ट पर वाया बांग्लादेश भारत पहुंचा था। यहां से कश्मीर आया। लेकिन अनंतनाग में पकड़ा गया। 

इलेक्ट्रेशन सोर्स-www.nytimes.com

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मसूद 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद फिरौती के तौर छोड़ा गया था। बता दें कि इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर 814 ने नेपाल के काठमांडु स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। तभी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन हरकत उल मुजाहिदीन ने उसे हाईजैक कर लिया था। विमान को अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। इस अपहरण के एवज में मौलाना मसूद, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को छोड़ा गया था।

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10 जुलाई 1988 को पाकिस्तान के बहावलपुर में जन्मा मसूद अज़हर अपने 11 भाई-बहनों में तीसरे नंबर का है। कुछ लोग इसका जन्म 7 अगस्त, 1968 मानते हैं। इसके पिता अल्लाह बख्श शब्बीर एक सरकारी स्कूल में टीचर थे।

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मसूद का परिवार डेयरी और पोल्टी फॉर्म चलाता था। इसने कराची के बानुरी नगर स्थित जामिया उलूम उल इस्लामिया मदरसे से शिक्षा हासिल की। यहीं उसका संपर्क हरकत उल अंसार नामक संगठन से हुआ।

(पाकिस्तान के बहावलपुर का एरियर व्यू)
 

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अजहर हरकत उल अंसार की उर्दू भाषी पत्रिका साद-ए-मुजाहिद्दीन और अरबी भाषा की सावत-ए-कश्मीर का एडिटर बन गया। अजहर ने इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने कई देशों की यात्राएं कीं।
(पाकिस्तानी में गिरफ्तारी के वक्त मसूद)

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माना जाता है कि 1993 में मसूद अलकायदा के संपर्क में आया। यह 1994 में श्रीनगर आया था। लेकिन उसे आतंकी गतिविधियों के कारण जेल में ठूंस दिया गया। 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटक किडनैप हुए थे। इसमें भी इसका हाथ सामने आया था।
(मसूद पुलवामा अटैक का मास्टरमाइंड माना जाता है)

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सालभर पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने खुलासा किया था कि मसूद काफी बीमार है। इसलिए अब वो अपने अपने घर से नहीं निकलता है। दरअसल, पुलवामा अटैक के बाद पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बढ़ा था कि वो मसूद के खिलाफ कार्रवाई करे।
 

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