7 मई, 2012 से लगातार रूस के प्रेसिडेंट पद पर जमे व्लादिमीर पुतिन को लेकर जनवरी, 2021 में रूस में जबर्दस्त विद्रोह खड़ा हो गया था। वे कभी प्रधानमंत्री बन जाते हैं, तो कभी राष्ट्रपति। रूस में अब तक एक वाक्य प्रचलित रहा है-'रूस का मलतब पुतिन और पुतिन का मतलब रूस!' 68 साल के पुतिन ने जब 2018 में राष्ट्रपति चुनाव जीता, तब उन्हें 75 प्रतिशत वोट मिले थे। रूस में पहले राष्ट्रपति के चुनाव की अवधि 4 साल थी। लेकिन 2008 में जब दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने पुतिन को प्रधानमंत्री बना दिया। सितंबर, 2011 में पुतिन ने कानून में बदलाव करके राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया और 2012 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। तब भी उनका विरोध हुआ था। आरोप है कि पुतिन अपने विरोधियों को मरवा डालते हैं।