तालिबान V/s मुजाहिदीन: जिन हथियारों से अमेरिका-रूस तक War न जीत सके; उन्हीं से अब ये एक-दूसरे से लड़ रहे

Published : Sep 18, 2021, 01:33 PM ISTUpdated : Sep 18, 2021, 01:34 PM IST

काबुल. 20 साल तक Afghanistan में Taliban से लड़ाई लड़ चुका अमेरिका आखिरकार हथियार डालकर घर लौट गया। इससे पहले रूस को पंजशीर से खाली हाथ लौटना पड़ा था। हैरानी की बात ये है कि तालिबान और मुजाहिदीन इन्हीं देशों के बनाए हथियारों से एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। तालिबान के लिए अमेरिकी हथियार मानों जंग जीतने की उम्मीदें हैं, वहीं रूस निर्मित हथियार (Weapons) मुजाहिद्दीन में लोकप्रिय हैं। बता दें कि 15 अगस्त, 2021 को तालिबान ने काबुल स्थित राष्ट्रपति पैलेस पर अपना झंडा फहराकर जीत का ऐलान कर दिया था। हालांकि पंजशीर प्रांत पूरी तरह अभी भी उसके कब्जे में नहीं आया है। यहां तालिबान और नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है।

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तालिबान V/s मुजाहिदीन: जिन हथियारों से अमेरिका-रूस तक War न जीत सके; उन्हीं से अब ये एक-दूसरे से लड़ रहे

पहली तस्वीर नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) के सपोर्ट में twitter पर चलने वाले पेज Panjshir_Province पर शेयर की गई है। इसमें कैप्शन लिखा गया-रशियन पीके मेरी पसंदीदा मशीन गन है। आपकी पसंदीदा बंदूक क्या है?

दूसरी फोटो twitter पर शेयर करते हुए लिखा गया-#आधुनिकआवश्यकताएं। हथियार और कैमरा एक साथ। तालिबान दोनों का इस्तेमाल करना जानता है। ध्यान दें! तालिबान को मुजाहिदीन के खिलाफ अमेरिकन गन #एम4 से बहुत फायदा हुआ है।

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Afghanistan में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बीच पंजशीर (Panjshir Valley) घाटी दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां तालिबान लगातार मुंह की खा रहा है। अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अफगानिस्तान के स्वयं घोषित केयरटेकर राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह  (Amrullah Saleh) के मुजाहिदीन लड़ाके तालिबान को लोहे के चने चबवा रहे हैं। बता दें कि मुजाहिदीन रूस निर्मित हथियारों से तालिबान से लड़ रहे हैं।

(Panjshir_Province पर शेयर की गई तस्वीर)
 

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Panjshir_Province के twitter पेज पर रूस निर्मित हथियारों की तस्वीर शेयर करके अपनी ताकत दिखाई जा रही है। बता दें कि अहमद शाह मसूद ने 9 बार रूसियों को पंजशीर से खदेड़ा था। 11 सितंबर, 2001 में अमेरिका पर हुए अलकायदा के हमले से कुछ दिन पहले ही अहमद शाह मसूद की हत्या हो गई थी। अब रूस के हथियार मुजाहिदीन की पसंद बने हुए हैं।

(Panjshir_Province पर शेयर की गई तस्वीर)

 

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तालिबान और मुजाहिदीन दोनों के पास खुद के कोई हथियार नहीं है। तालिबान अमेरिकी हथियारों पर निर्भर है, तो मुजाहिदीन रूस के हथियारों के बूते जंग लड़ रहे हैं।

(Panjshir_Province पर शेयर की गई तस्वीर)

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अफगानिस्तान में बामियां प्रांत की खास जगह है। तालिबान ने बेशक अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, लेकिन लड़ाई अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। यह तस्वीर  यह तस्वीर Panjshir_Province ने twitter पर शेयर की है। इसमें लिखा गया-#अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों में तालिबान के खिलाफ युद्ध के अनुभव के साथ कमांडर अकमल आमिर( Akmal Amir)। आखिरी में लिखा गया-हम मजबूत और एकजुट हैं।

(Panjshir_Province पर शेयर की गई तस्वीर)

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