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वाह क्या Scene है: तालिबान की हिंसा के बावजूद अफगानिस्तान की यह जगह सुकून देती है; ये Real तस्वीरें हैं
काबुल. Afghanistan में Taliban की सरकार बनने के बाद नागरिकों पर अत्याचार बढ़े हैं। अफगानिस्तान सदियों से लड़ाकों का देश रहा है, लेकिन इसी मुल्क में भगवान बुद्ध भी शांति का संदेश देते नजर आते हैं। ये तस्वीरें अफगानिस्तान के मध्य भाग में स्थित बामियां प्रांत(बामयान) की हैं। ये वो ही बामियां घाटी है, जहां 2001 में तालिबान ने दो विशालकाय बौद्ध मूर्तियों को गैर इस्लामी बताकर डायनामाइट से उड़ा दिया था। इन मूर्तियों को फिर से संवारा गया है। बामियां घाटी अफगानिस्तान की जन्नत मानी जा सकती है। यहां बैंड-ए-अमीर(Band-e Amir National Park) नेशनल पार्क भी है। यहां प्रकृति का जैसे पूरा सौंदर्य दिखाई देता है। देखिए twitter पर समय-समय पर यूजर्स द्वारा शेयर की गईं कुछ तस्वीरें...
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यह तस्वीर बामियां प्रांत में स्थित चेहल बुर्ज किले की है। यह किला अब तहस-नहस हो चुका है। किले के अंदर कुछ भीतरी दीवारों पर भित्ति चित्र हैं। इससे पता चलता है कि यह किला कुषाण या ससैनियन काल (Kushano-Sasanian Kingdom ) का है।
काबुल से उत्तर-पश्चिम में प्राचीन तक्षशिला-बैक्ट्रिया मार्ग पर बामियां के भग्नावशेष(ruins) या खंडहर आज भी अफगानिस्तान के गौरव को दिखाते हैं। प्रसिद्ध चीन भिक्षु ह्वेन त्सांग ने फन-येन-न (बामियां) राज्य का उल्लेख किया है। उसके अनुसार इसका क्षेत्र पश्चिम से पूर्व 2000 ली (लगभग 334 मील) और उत्तर से दक्षिण 300 ली (50 मील) था।
यह तस्वीर वर्ष, 2020 की है। इसमें बामियां स्थित बुद्ध प्रतिमा के सामने बच्चे क्रिकेट खेलते हुए।
बामियां के रहने वालों की रुचि बौद्ध धर्म में थी। यहां करीब 10 विहार थे। इनमें 100 भिक्षु रहते थे। नगर के उत्तर-पूर्व में पहाड़ी की ढाल पर कोई 140-150 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा थी। यहां से 2 मील की दूरी पर एक विहार में बुद्ध की महापरिनिर्वाण दशा में एक बड़ी मूर्ति थी। युवान् च्वां के कथनानुसार दक्षिण पश्चिम में 34 मील की दूरी पर एक बौद्ध संघाराम था, जहां बुद्ध का एक दांत सुरक्षित रखा था।
यह तस्वीर वर्ष, 2020 की है। इसमें बामियां स्थित बुद्ध प्रतिमा के सामने बच्चे क्रिकेट खेलते हुए।
बामियां के चित्र भारत की अजंता की 9वीं तथा 10वीं गुफाओं के चित्रों तथा मीरन (मध्य एशिया) की कला से मिलते जुलते हैं। ये बामियां की ये घाटियां प्रकृति का सबसे अनूठा उपहार हैं।
माना जाता है कि चिंगेंज़ खां ने बामियां और वहां के निवासियों को पूरी तरह खत्म कर दिया था। बुद्ध की इन प्रतिमाओं का उल्लेख 'आईन-ए-अकबरी' में भी मिलता है। कहा जाता है, प्रथम अफगान युद्ध के अंग्रेज बंदी सैनिकों को यहां रखा गया था।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इन मूर्तियों को 2001 में इस्लाम विरोधी कहकर ध्वस्त करा दिया था। इसकी दुनियाभर में निंदा हुई थी। दूसरा चित्र बामियां घाटी का।
यह तस्वीर Panjshir_Province ने twitter पर शेयर की है। बामियां में बैंड-ए-अमीर(Band-e Amir National Park) नेशनल पार्क है। यहां गहरे नीले रंग की 6 झीलों की एक श्रृंखला है। यह हिंदू कुश पहाड़ों में झीलें स्थित हैं।
अफगानिस्तान में बामियां प्रांत की खास जगह है। तालिबान ने बेशक अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, लेकिन लड़ाई अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। यह तस्वीर यह तस्वीर Panjshir_Province ने twitter पर शेयर की है। इसमें लिखा गया-#अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों में तालिबान के खिलाफ युद्ध के अनुभव के साथ कमांडर अकमल आमिर( Akmal Amir)। आखिरी में लिखा गया-हम मजबूत और एकजुट हैं।