Taliban ने फिर शुरू किया इतिहास मिटाने का खेल, 200 साल पुराना ग्रीश्क का किला ढहा दिया; पता है क्यों?

काबुल. Afghanistan में Taliban की सरकार बनते ही तानाशाही शासन शुरू हो गया है। तालिबान ने धार्मिक स्कूल बनाने के लिए अफगानिस्तान के दक्षिण जिले के ऐतिहासिक शहर ग्रेश्क में स्थित 200 साल पुराने किले को ढहा दिया। बता दें कि इससे पहले अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने 2001 में इस्लाम विरोधी कहकर बुद्ध की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया था। इस बीच खबर है कि काबुल में गुरुवार की रात 2 रॉकेट छोड़े गए। इधर, अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर दिल्ली में 11 राज्यों के ATS चीफ, RAW और IB के अधिकारी विशेष मीटिंग के लिए जुटे। इसका मकसद तालिबान के शासन के बाद आतंकवादी गतिविधियों पर नजर बनाए रखना है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 17, 2021 4:52 AM IST / Updated: Sep 17 2021, 10:26 AM IST
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Taliban ने फिर शुरू किया इतिहास मिटाने का खेल, 200 साल पुराना ग्रीश्क का किला ढहा दिया; पता है क्यों?

बता दें कि ग्रीश्क अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में स्थित है। यहां हेलमंद नदी बहती है। यह एक रेगिस्तानी क्षेत्र है। 20वीं शताब्दी में अफगान सरकार द्वारा एक अलग प्रांत बनाने तक हेलमंद ग्रेटर कंधार क्षेत्र का हिस्सा था। 

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अफगानिस्तान में 2001 के युद्ध में हेलमंद विद्रोही गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र था। यह तब अफगानिस्तान का सबसे खतरनाक प्रांत माना गया था। यहां का ग्रीश्क किला जर्जर हालत में था।

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जिस जगह ग्रीश्क का किला है, उस हेलमंद में अफगानिस्तान का सबसे बड़ा तालाब है। यहां काजाकी बांध है। माना जाता है कि हेलमंद दुनिया का सबसे बड़ा अफीम उत्पादन क्षेत्र है।

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इधर, काबुल के खैरखानेह इलाके में गुरुवार रात करीब 9 बजे दो रॉकेट छोड़ गए। माना जा रहा है कि इनका निशाना चमतलाह इलेक्ट्रिक सब स्टेशन था, लेकिन हमला भटक गया।
(ग्रीश्क का किला)

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इस तस्वीर में बताया गया है कि तालिबान ने पंजशीर प्रांत से NRF (national resistance front) के एक लड़ाके को पकड़ लिया। इस प्रांत में अभी भी लड़ाई जारी है।

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