अमेरिका की चेतावनी- अलकायदा की गतिविधियां रोके Taliban, नहीं तो हम देंगे जवाब

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में आतंकी गतिविधियां बढ़ने और आतंकी संगठनों के फिर से मजबूत होने की आशंकाओं पर अमेरिका ने तालिबान को दो टूक में चेतावनी दी है। अमेरिका (USA) ने चेताया है कि अगर अलकायदा (Al Qaeda) यूएस को धमकी देता है तो इसकी जिम्मेदारी तालिबान (Taliban) की होगी। तालिबान को अफगानिस्तान की धरती पर आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए खुद से कदम उठाना होगा, अन्यथा परिणाम भुगतना पड़ सकता है। 
अमेरिका ने कहा कि हम पूरी तरह से तालिबान पर ही निर्भर नहीं हैं। हम उसको वादा याद दिला रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें उनपर भरोसा है। हम खुद निगरानी करने की कोशिश करेंगे। हममें ऐसी धमकियों का जवाब देने की क्षमता है। जरुरी पड़ी तो हम भी इन धमकियों का जवाब भी देंगे। हाल ही में अमेरिका की खुफिया एजेंसी (CIA) ने आशंका जताई थी कि अफगानिस्तान में अलकायदा फिर सर उठा रहा है और उसकी सक्रियता बढ़ गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2021 4:27 PM IST / Updated: Sep 16 2021, 10:02 PM IST
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अमेरिका की चेतावनी- अलकायदा की गतिविधियां रोके Taliban, नहीं तो हम देंगे जवाब

हाल ही में अमेरिका की खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने आशंका जताई थी कि अफगानिस्तान में अलकायदा फिर सर उठा रहा है और उसकी सक्रियता बढ़ गई है। 

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अमेरिका ने कहा कि हम पूरी तरह से तालिबान पर ही निर्भर नहीं हैं। हम उसको वादा याद दिला रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें उनपर भरोसा है। हम खुद निगरानी करने की कोशिश करेंगे। हममें ऐसी धमकियों का जवाब देने की क्षमता है। जरुरी पड़ी तो हम भी इन धमकियों का जवाब भी देंगे।

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अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अगर आतंकवादी संगठन अल कायदा युद्ध ग्रस्त देश से अमेरिका को धमकी देता है तो तालिबान इसके लिए जिम्मेदार होगा। 

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एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि तालिबान ने प्रतिबद्धता जताई है कि वो अफगानिस्तान को अल कायदा और आईएसआईएस-के जैसे खूंखार आतंकवादी संगठनों का पनाहगाह नहीं बनने देगा ताकि वो यूनाइटेड स्टेट्स औऱ उसके सहयोगियों को धमकी दे सकें। उन्हें इस बात की जिम्मेदारी निभानी होगी। 

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सीआईए ने आशंका जताई है कि अफगानिस्तान में अल कायदा एक बार फिर खुद को मजबूत करने में जुटा हुआ है। सीआईए के उप निदेशक डेविक कोहन ने कहा था कि सीक्रेट इनपुट्स से पता चला है कि अल कायदा की गतिविधियां अफगानिस्तान में शुरू हो गई हैं। अमेरिका उस पर बेहद सतर्कता के साथ नजर बनाए हुए है।

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अमेरिका ने कहा कि हम पूरी तरह से तालिबान पर ही निर्भर नहीं हैं। हम उसको वादा याद दिला रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें उनपर भरोसा है। हम खुद निगरानी करने की कोशिश करेंगे। हममें ऐसी धमकियों का जवाब देने की क्षमता है। जरुरी पड़ी तो हम भी इन धमकियों का जवाब भी देंगे।

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अफगानिस्तान में अल कायदा की मौजूदगी की वजह से ही वर्ष 2001 में अमेरिकी सेना को उसके खात्मे के लिए भेजा गया था। तालिबान के अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बाद आशंका है कि अलकायदा एक बार फिर से इस देश में सक्रिय हो सकता है। जानकार बताते हैं कि 1990 और 2000 के बीच ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व में अल कायदा ने तालिबान के साथ मिलकर काम किया था। 

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दरअसल, अलकायदा अमेरिका पर बड़ा हमला कर चुका है। 11 सितंबर, 2001 की सुबह, अल कायदा के 19 आतंकवादी न्यूयॉर्क, बोस्टन और वाशिंगटन हवाई अड्डों से उड़ान भरने वाले चार यात्री विमानों में सवार हो गए। इसके बाद आतंकवादियों ने विमान को हवा में हाईजैक कर लिया और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दो टावरों से टकरा गए।

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