शाओमिन को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसले का रिव्यू भी किया था। फैसले के रिव्यू के दौरान ये पाया गया कि शाओमिन ने समाज को जितना नुकसान पहुंचाया है, वो उनके अच्छे कामों पर काफी भारी पड़ता है। इसी वजह से उनकी मौत की सजा बरकरार रखी गई थी।