रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान बड़े पैमाने पर आर्थिक संकुचन का अनुभव कर रहा है। एक संपूर्ण जटिल सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था, आंशिक रूप से शासन में कमियों, गैर-मानवीय सहायता प्रवाह और प्रतिबंधों के निलंबन के कारण बंद हो रही है। तालिबान को चाहिए कि वह अफगान के लोगों के हित के लिए अलगाववाद से बचते हुए सभी स्टेक होल्डर्स से बातचीत करे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रचनात्मक संवाद विकसित करे।
यह संवाद विभिन्न पक्षों के साथ होने चाहिए और सभी वर्गों के मौलिक मानवाधिकार और स्वतंत्रता को शामिल करना चाहिए, जिससे नागरिकों की समृद्धि और सुरक्षा और अफगानिस्तान के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार मानव अधिकारों, स्वतंत्रता और अफगान लोगों की भलाई का सम्मान और सुरक्षा, लिंग, उम्र या जातीयता की परवाह किए बिना, और देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन के सभी पहलुओं में पूरी तरह से और समान रूप से भाग लेने की उनकी क्षमता एक समावेशी, स्थिर और समृद्ध समाज के आवश्यक तत्व हैं।