कोरोना महामारी में ट्रम्प ने दिए ये 5 अजीबोगरीब बयान, इन्हें पढ़कर आप अपना माथा पकड़ लेंगे

वॉशिंगटन. कोरोना वायरस से दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमित अमेरिका है। यहां अब तक कोरोना के 15 लाख केस सामने आ चुके हैं। वहीं, 93 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ रहे संक्रमण को लेकर अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन पर तमाम प्रकार के आरोप लग रहे हैं। इतना ही नहीं लोगों का मानना है कि कोरोना काल में राष्ट्रपति ट्रम्प ने खुद गंभीरता नहीं दिलाई है। इस बात की पुष्टि ट्रम्प के वे अजीबोगरीब बयान भी करते हैं, जो उन्होंने अब तक दिए हैं। ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण दुनिया में सबसे ज्यादा होना सम्मान की बात है। ऐसे में हम कोरोना काल में ट्रम्प के ऐसे ही 5 अजीबोगरीब बयान बता रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : May 20, 2020 9:10 AM IST / Updated: May 20 2020, 03:21 PM IST

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कोरोना महामारी में ट्रम्प ने दिए ये 5 अजीबोगरीब बयान, इन्हें पढ़कर आप अपना माथा पकड़ लेंगे

पहला बयान: 19 मई- ज्यादा केस सम्मान के तमके के जैसा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा, अमेरिका में दुनियाभर की तुलना में सबसे ज्यादा केस होना सम्मान की बात है। उन्होंने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, जब लोग कहते हैं कि हम संक्रमण के मामले में सबसे आगे हैं। तो इसमें मुझे बुरा नहीं लगता। इसका मतलब साफ है कि हमने अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा टेस्टिंग की। यह अच्छी बात है कि हमारी टेस्टिंग अन्य देशों से बेहतर है। यह हमारे लिए सम्मान के तमगे के बराबर है। 

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दूसरा बयान: 24 अप्रैल- सूर्य की रोशनी शरीर में डालो कोरोना मर जाएगा
अमेरिका में कोरोना से निपटने के लिए बनाए गए टास्क फोर्स के वैज्ञानिक बिल ब्रायन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सूर्य के प्रकाश से कोरोना वायरस के मरने की जानकारी दी थी। इसपर ट्रम्प ने कहा, तुम इस रोशनी को त्वचा और शरीर के अंदर ले जाओगे, मुझे विश्वास है कि तुम यह टेस्ट जरूर करोगे। इस पर ब्रायन ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद ट्रम्प ने कहा, मैंने पहले भी सूर्य की तेज रोशनी और गर्मी में कोरोनावायरस के खत्म होने की बात कही थी, लेकिन तब लोगों ने यह नहीं माना। लेकिन अब यह सिद्ध हो गया। यह बात सुनकर वैज्ञानिक भी सख्ते में आ गए। 

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तीसरा बयान: 24 अप्रैल-ब्लीच और एल्कोहल से कोरोना को मारने की दी सलाह
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने एक और अजीबोगरीब सलाह दी। उन्होंने सुझाव दिया कि कोरोना के मरीजों को ब्लीच और आइसोप्रोपिल एल्कोहल जैसे क्लीन्जर का इंजेक्शन लगाना चाहिए। दरअसल, बिल ब्रायन ने बताया था कि ब्लीच और आइसोप्रोपिल एल्कोहल वायरस को 5 मिनट में और एल्कोहल 30 सेकंड में मार देता है। आइसोप्रोपिल एल्कोहल डिटर्जेंट बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। 

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चौथा बयान- 31 मार्च: 1 लाख पर मौतें रोक लीं तो बड़ी बात होगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 31 मार्च को ही यह मान लिया था कि अमेरिका में कोरोना से 1 लाख लोगों की मौत होगी। उस वक्त तक अमेरिका में कोरोना से सिर्फ 2509 लोगों की मौत हुई थी। इतना ही नहीं ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका में कोरोना से मौतों की संख्या को अगर एक लाख पर रोक लिया जाता है तो यह बड़ी बात होगी। इस बयान ने सबको काफी चौंका दिया था। इसके बाद उनकी अमेरिका में आलोचना भी हुई। 

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5वां बयान: 26 अप्रैल- मैं अमेरिका का सबसे मेहनती राष्ट्रपति
ट्र्रम्प की अजीबोगरीब सलाह के बाद जब उनकी आलोचना शुरू हुई तो उन्होंने विरोधियों को जवाब दिया। इसमें ट्रम्प ने खुद को सबसे मेहनती राष्ट्रपति बताया। ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा, जो लोग मुझे जानते हैं वो कहते हैं कि मैं अमेरिका का सबसे मेहनती राष्ट्रपति हूं। मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन मुझे ये पता है कि मैं बहुत मेहनत करता हूं। मैंने अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल में यह साबित भी किया है।

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