गोपाल कांडा के पुरखे करते थे सब्जी तौलने का काम, दिलचस्प है 'सरनेम' के पीछे की कहानी

हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से गोपाल गोपाल कांडा एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने बीजेपी को बिना शर्त के अपना समर्थन पेश किया है। कांडा ने दावा किया है कि मेरे साथ 6 निर्दलीय विधायक हैं जो भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने को तैयार हैं।

रोहतक. हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से गोपाल गोपाल कांडा एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने बीजेपी को बिना शर्त के अपना समर्थन पेश किया है। इसी मौके पर हम आपको बता रहे हैं कैसे करोड़पति कारोबारी और राजनेता गोपाल कांड़ा को 'कांडा' सरनेम मिला।

ऐसे मिला उनको कांडा सरनेम
गोपाल कांडा का पूरा नाम, गोपाल गोयल कांडा है। 54 साल पहले उनका जन्म सिरसा जिले के बिलासपुर गांव में हुआ था। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, उनके पूर्वज सिरसा में थोक सब्जियों की तौल किया करते थे। वहां काम और रहने वाले लोग तराजू के बाट को स्थानीय भाषा में कांडा कहते हैं। जिसकी वहज से लोग उनको 'कांडा' कहने लगे और पूर्वजों ने इस शब्द को अपना सरनेम बना लिया। तभी से गोपाल ने अपने पिता और परिवार की तरह कांडा को अपना सरनेम बना लिया। 

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कांडा ने कहा मेरे साथ 6 अन्य विधायक साथ में हैं
 गोपाल कांडा ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान कहा मेरा और मेरे साथ 6 निर्दलीय विधायकों का भाजपा को बिना शर्त समर्थन है। कई गंभीर आरोपों से घिरे कांडा ने कहा आज मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं है। वहीं हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष सुभाष बराला का कहना है कि उनको जनता ने चुना है, जनता चाहती तो वह जीत ही नहीं पाते इसलिए उनपर कोई आरोप नहीं हैं।

कांडा की लाइफ हमेशा से ही सुर्खियों में रही है
बता दें कि गोपाल कांडा 'हरियाणा लोकहित पार्टी' के नेता हैं। उन्होंने हरियाणा के सिरसा विधानसभा सीट से चुनाव जीत हासिल की है। करोड़पति कारोबारी कांडा की जिंदगी हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। एक आम इंसान से राज्य गृहमंत्री बनना और उसके बाद जेल की सलाखों में खोई साख के साथ जीना, कांडा की जिंदगी के ऐसे सैकड़ों दिलचस्प किस्से हैं। वह एक जूता व्यापारी था और देखते ही देखते नेतागिरी और दलाली ने उसे समूचे हरियाणा का शेर बना दिया। कांडा को यौन शोषण आरोपों में जेल की भी हवा खानी पड़ी है।
 

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