चंद्र प्रकाश कथूरिया ने छोड़ी थी खट्टर के लिए करनाल सीट, शुगरफेड का चेयरमैन बन मिलों के घाटे को किया कम

दो साल के बाद सरकार ने कथूरिया को शुगरफेड का चेयरमैन नियुक्त किया। चेयरमैन बनते ही उन्होंने पहले वित्तीय वर्ष में ही शुगर मिलों के करीब 400 करोड़ घाटे को कम किया।

Asianet News Hindi | Published : May 6, 2022 5:00 PM IST

करनाल। हरियाणा में चंद्र प्रकाश कथूरिया किसी पहचान के मोहताज नहीं है। यह वही नेता हैं, जिन्होंने 2014 में मनोहर लाल खट्टर के लिए अपनी करनाल विधानसभा सीट को कुर्बान कर दिया था। साथ ही 2016 में शुगर फेड का चैयरमैन बनकर मिलो के 400 करोड़ रुपए के घाटे को कम करने में अहम भूमिका निभाई वहीं उन्होंने गरीब बच्चों की पढ़ाई का इंतजाम करने, गरीब घरों की कन्याओं की शादी में सहयोग करने और लावारिस गायों को गोशालाओं में भेजने का काम किया।

खट्टर के लिए छोड़ी थी सीट
कथूरिया का करनाल में बड़ा दबदबा है और काफी समय से वो वहां समाज से जुड़े काम भी करते आ रहे हैं, लेकिन उन्होंने राजनीतिक लाभ कभी नहीं लिया। यहां तक कि उन्होंने पार्टी हित और प्रदेश को मजबूत सरकार बनवाने में मदद की। इसके लिए उन्होंने 2014 में करनाल सीट से मनोहर लाल खट्टर को चुनाव लड़वाया। जहां से उनकी जीत हुई उसके बाद खट्टर को प्रदेश का सीएम बनाया गया है। इस जीत में कथूरिया का अहम योगदान था। वैसे इस सीट से 2009 में कथूरिया ने जब खुद चुनाव लड़ा था तो वहां से जीत नहीं सके थे। उसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। पांच साल तक अपनी स्थिति और मजबूत किया और उसके बाद खट्टर को जीत दिलाने में सहयोग किया।

Latest Videos

2016 में बने शुगरफेड के चेयरमैन
दो साल के बाद सरकार ने कथूरिया को शुगरफेड का चेयरमैन नियुक्त किया। चेयरमैन बनते ही उन्होंने पहले वित्तीय वर्ष में ही शुगर मिलों के करीब 400 करोड़ घाटे को कम किया। चंद्र प्रकाश कथूरिया ने अपने कार्यकाल में ही करनाल व पानीपत शुगर मिल के किसानों की पिछले 22 वर्षों से चली आ रही मांग के अनुरूप नई शुगर मिल का शिलान्यास किया। जिसका गन्ना किसानों को काफी फायदा हुआ। साथ ही शुगर मिलों का नुकसान भी नहीं हो रहा है।

ऐसे हुई राजनीतिक जीवन की शुरुआत
- कथूरिया की राजनीतिक पारी की शुरुआत 1995 में चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के साथ हुई थी।
- जिसके बाद उन्हें 4 साल के लिए जिला महामंत्री बनाया बनाया गया।
- 2002 से 2004 तक प्रदेश महासचिव व पार्टी के कोर ग्रुप मेंबर रहे।
- हरियाणा विकास पार्टी के विलय से पहले हुई कोर ग्रुप की बैठक में उन्होंने कांग्रेस में जाने से मना कर दिया था।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर वर्ष 2004 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
- वर्ष 2008 में उन्हें करनाल भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया।

Share this article
click me!

Latest Videos

Almora Bus Accident: मंजिल तक पहुंचने से पहले ही खत्म हुए सफर... जानें क्यों तनाव में था ड्राइवर
Tulsi Vivah 2024: कब है तुलसी विवाह, जानें पूजन का महत्व और शुभ मुहूर्त
LIVE: प्रियंका गांधी ने तिरुवंबदी के कोडेनचेरी में सुखनेर सभा को संबोधित किया
यूपी मदरसा कानून पर आ गया 'सुप्रीम' फैसला, लाखों छात्रों का जुड़ा था भविष्य । SC on UP Madarsa
Rahul Gandhi LIVE : तेलंगाना में जाति जनगणना पर राज्य स्तरीय परामर्श को सम्बोधन