
मोहाली (चंडीगढ़).कोरोना वायरस से निटपने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया है। आलम यह है कि लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार करने के लिए अंतिम यात्रा भी नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मोहाली में सामने आया।
कंधे के लिए चार लाेग भी नहीं मिले
दरअसल, मंगलवार को मोहाली के रहने वाले 65 साल के ओमप्रकाश की कोरोना के चलते मौत हो गई। पूरे इलाके में कोहराम मच गया। अस्पताल से सीधे शव को एंबुलेंस में रखकर श्मशानघाट ले जाया गया। एंबुलेंस के पीछे-पीछे मृतक का बेट रजिंदर रोते हुए चल रहा था। जैसे ही शव श्मशान पहुंचा तो अफसर गाड़ी में बैठे रहे। लेकिन शव को नीचे नहीं उतारा। बेटा रोता रहा, गिड़गिड़ाता रहा, मेरे पापा को नीचे उतार दो, एक बार शक्ल तो दिखा दो। यहां तक कि श्मशानघाट में काम करने वाले लोगों से वो मिन्नतें करता रहा कि आप तो मेरा दुख समझो। लेकिन किसी ने उसकी एक ना सुनी।
न लकड़ी नसीब, हुई ना ही मंत्र पढ़े गए
आखिर में श्मशान के पंडित ने शव की जानकारी निगम कमिश्नर कमल कुमार गर्ग को दी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के तीन कर्मचारी आए और सेफ्टी किट पहनकर शव को एंबुलेंस से नीचे उतारा। बेटा चीखता रहा- मैं कैसा अभागा बेटा हूं जो मेरे पिता को चार कंधे तक नसीब नहीं हो रहे हैं। ना तो पंडित मंत्र पढ़ रहे हैं और ना ही उनको एक लकड़ी नसीब हो रही है। शाम करीब 6 बजे काफी मशक्कत के बाद मृतक का इलेक्ट्रिक भट्ठी से अंतिम संस्कार किया गया।
हरियाणा की राजनीति, कृषि-किसान मुद्दे, खेल उपलब्धियां, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स और जिले-वार खबरें अब तुरंत पाएं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक समेत पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए Haryana News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद खबरें Asianet News Hindi पर।