सिक्किम हादसे में शहीद हुए जवान विकास राहड़ का शव रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा तो लोगों की आंखें नम हो गईं।
फतेहाबाद(Haryana). सिक्किम हादसे में शहीद हुए जवान विकास राहड़ का शव रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा तो लोगों की आंखें नम हो गईं। शव घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और क्षेत्र के लोगों का तांता लगा रहा। जवान की अंतिम यात्रा में लोगों की भारी भीड़ लगी रही। 6 माह के बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के भट्टू खंड के गांव पीलीमंदोरी निवासी विकास राहड़ राष्ट्रीय खिलाड़ी थे और खेल कोटे से चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। सेना में ग्रेनेडियर की पोस्ट पर तैनात विकास की दो साल पहले शादी हुई थी और 6 माह पहले ही वे एक बेटे के पिता बने थे। सिक्किम में सेना के ट्रक के खाई में गिरने से हुए हादसे में विकास राहड़ की भी मौत हो गई थी, जिनका रविवार को उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी हजारों की भीड़
सेना के जवान विकास राहड़ का पार्थिव शरीर रविवार सुबह सेना के ट्रक में फतेहाबाद के भट्टू पहुंचा। इसके बाद शव उनके पैतृक गांव पीलीमंदोरी लाया गया। भट्टू से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मोटरसाइकिल के काफिले के बीच शव को गांव में लेकर पहुंचे। इस दौरान विकास अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगते रहे। पूरे रास्ते हजारों लोगों की भीड़ शहीद के अंतिम दर्शन को उमड़ी रही।
6 माह के बेटे ने दी मुखाग्नि
विकास का शव जब उनके घर पहुंचा तो वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े। उनके परिजनों में कोहराम मच गया। हर कोई रो रहा था, सभी के जुबान पर सिर्फ 2 साल पहले ब्याह कर आई विकास की पत्नी और उनके 6 माह के बेटे का नाम था। अंतिम दर्शन के बाद विकास का शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। जहां उनके 6 माह के बेटे से चिता को मुखाग्नि दिलवाई गई।