रेप और हत्या के दोषी राम रहीम को मिली पैरोल, कड़ी सुरक्षा के बीच बीमार मां से मिलने पहुंचा गुरुग्राम

17 मई को राम रहीम के वकील ने सुनारिया के जेल अधीक्षक सुनील सांगवान को पैरोल के लिए आवेदन किया था। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच उसे गुरुग्राम ले जाया गया है। जहां वह अपनी बीमार मां से मिलने के लिए गया है। वह फिलहाल मानेसर के एक फार्म हाउस में रूका है। 

Asianet News Hindi | Published : May 21, 2021 9:45 AM IST / Updated: May 21 2021, 03:17 PM IST

रोहतक (हरियाणा).  यौन शोषण और हत्या के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिल गई है। जेल प्रशसान के मुतबिक, सुबह छह बजे गुरमीत को जेल से बाहर निकाला गया। हालांकि अभी यह नहीं बताया गया है कि उसे यह परोल कितने समय के लिए मिली है। बता दें कि इससे पहले भी कई बार उसके वकील पैरोल की अर्जी लगा चुके थे। लेकिन हर बार सुरक्षा कारणों के चलते खारिज हो जाती थी।

मां से मिलने के लिए पहुंचा गुरुग्राम
गुरमीत राम रहीम को सुनारिया जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुग्राम ले जाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, वह अपनी बीमार मां से मिलने के लिए गया है। उसकी मां का इलाज मेदांता अस्पताल में रहा है। वह फिलहाल मानेसर के एक फार्म हाउस में रूका है। 

6 दिन पहले बिगड़ी थी गुरमीत की तबीयत
बता दें कि 17 मई को राम रहीम के वकील ने सुनारिया के जेल अधीक्षक सुनील सांगवान को पैरोल के लिए आवेदन किया था। वहीं 6 दिन पहले उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद उसे पीजीआई रोहतक में शिफ्ट किया गया था। मेडिकल बोर्ड ने उसकी जांच करने के बाद उसे वापस जेल भेज दिया था। अब जब मां का बीमारी वजह देकर पैरोल मांगी गई तो उसका यह आवेदन स्वीकार कर लिया गया।

पहले भी एक दिन की पैरोल पर आ चुका है
एक साल पहले भी राम रहीम को एक दिन की पैरोल दी गई थी। लेकिन यह पैरोल गोपनीय तरीके से दी गई थी। जिससे हरियाणा सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी। वह पिछली बार भी उसकी मां की तबीयत बिगड़ने पर मेदांता गुरुग्राम में भर्ती किया गया था। जिनको देखने लिए वह पैरोल पर गया था।

दो साध्वियों से दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा
डेरा प्रमुख राम राहीम 25 अगस्त 2017 से सलाखों के पीछे है। वह दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है। वहीं पत्रकार के हत्या के मामले में वह उम्रकैद की सजा काट रहा है। तीन साल पहले सीबीाई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए उसे सुनारियां जिला जेल में भेज दिया था। 
 

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