बिल में गलत बयान देने, गलत प्रभाव, जबरदस्ती, लालच या किसी तरह के कपट से शादी के लिए प्रभावित करना अब अपराध होगा। ये विधेयक नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसके तहत संविधान के अनुच्छेद 255, 26, 27 और 28 के तहत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी जाएगी।
चंडीगढ़ : हरियाणा में धर्म परिवर्तन कराने वालों पर कानूनी शिकंजा कसने की सरकार ने तैयारी कर ली है। सीएम मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) की अगुआई में कैबिनेट ने हरियाणा धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी। अब आगामी बजट सत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली सरकार जबरन, लालच देकर या फर्जी तरीके से कराए गए धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने वाला और धर्म छुपाकर किए गए विवाह को अमान्य घोषित करने वाला विधेयक लेकर आएगी।
सीएम खट्टर ने क्या कहा
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हाल ही में यमुनानगर, मेवात, गुरुग्राम और पानीपत जिलों में जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आए हैं। कानून होगा तो ऐसे धर्म परिवर्तनों को रोका जा सकता है। इस कानून के तहत धर्मांतरण के पहले डीसी को सूचना देनी होगी। अवैध धर्मांतरण कराने वालों पर कानून का शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए कानून का मसौदा काफी समय पहले तैयार हो चुका था, जिसे इस बार के बजट सत्र में पेश किया जाने वाला है।
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धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी दी जाएगी
बिल में गलत बयान देने, गलत प्रभाव, जबरदस्ती, लालच या किसी तरह के कपट से शादी के लिए प्रभावित करना अब अपराध होगा। ये विधेयक नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसके तहत संविधान के अनुच्छेद 255, 26, 27 और 28 के तहत धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी जाएगी। जिसका मकसद भारत में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को बनाए रखना है। इससे पहले उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत बीजेपी शासित कई राज्यों में अवैध धर्म परिवर्तन के खिलाफ इस तरह का कानून लागू किया गया है।
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