सार
इस बार पंजाब चुनाव में डेरा सच्चा सौदा का मामला भी मुद्दा है। कांग्रेस खासतौर पर नवजोत सिंह सिद्धू बेअदबी के मामले में डेरा को घेरते रहे हैं। हाल में पंजाब पुलिस की ओर से एक चार्जशीट दायर की गई है। इसमें राम रहीम को भी नामजद किया गया है।
चंडीगढ़। रेप समेत तीन आपराधिक मामलों में दोषी गुरमीत राम रहीम को हरियाणा सरकार ने 21 दिन की फरलो (Furlough) को मंजूरी दी है। वह इस समय हरियाणा की रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। एशियानेट न्यूज हिंदी ने इस खबर को पहले ब्रेक किया था। 2017 के बाद से जेल में बंद डेरा प्रमुख राम रहीम को पहली बार जेल से छुट्टी मिली है। माना जा रहा है कि वो सोमवार शाम तक जेल से बाहर आ सकता है। फरलो एक छुट्टी की तरह है, जिसमें जेल में सजायाफ्ता बंदियों को छुट्टी दी जाती है और तय समय के लिए बंदी अपने घर में रह सकते हैं।
पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम को फरलो मिलने के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राम रहीम ने इससे पहले तीन बार फरलो/पैरोल की अर्जी दी थी, लेकिन वह खारिज हो गई थी। अब क्योंकि पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं और भाजपा इस बार अकेले बड़ी पार्टी के तौर पर पंजाब में चुनाव लड़ रही है। ऐसे में गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिलना कई मायने रख रहा है। जानकार यह मान रहे हैं कि गुरमीत राम रहीम को जो पैरोल मिली है इसका लाभ बीजेपी को पंजाब में मिल सकता है। पंजाब में डेरा समर्थकों की बड़ी संख्या है और उनका रुझान भी डेरे की ओर है। जिस तरह से कांग्रेस लगातार डेरा पर हमलावर रही है, इससे डेरा समर्थक कांग्रेस से नाराज हैं।
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इन तीन मामलों में राम रहीम 2017 से जेल में बंद
बता दें कि गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो अनुयायियों के साथ रेप और हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था और 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद सीबीआई की एक विशेष अदालत ने डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 में हत्या के मामले में राम रहीम और चार अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद पिछले साल अक्टूबर में पंचकूला की अदालत ने हत्या के मामले में राम रहीम और चार अन्य कृष्णलाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल को दोषी ठहराया था। इस मामले में सीबीआई ने मौत की सजा की मांग की थी। कोर्ट ने डेरा प्रमुख पर 31 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था और आधी राशि पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर देने का फैसला सुनाया था। फिलहाल, राम रहीम अभी रोहतक की सुनरिया जेल में बंद है।
फरलो और पैरोल में अंतर
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने फरलो और पैरोल के बीच अंतर और उन्हें देने से संबंधित बिंदुओं के बारे में बताया था। कोर्ट ने कहा कि एक कैदी को एक निर्धारित समय के लिए जेल में रहने के बाद फरलो दी जा सकती है, जबकि एक विशिष्ट आवश्यकता के लिए पैरोल दी जा सकती है। एकरसता को तोड़ने के लिए फरलो दिया जाता है और इसलिए कैदी के सामाजिक और पारिवारिक संबंध हो सकते हैं। परंतु एक कैदी को छुट्टी का पूर्ण अधिकार नहीं है।
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