Haryana के चौटाला परिवार में आर-पार की लड़ाई, चाचा-भतीजे में जुबानी जंग तेज, जानिए क्या है पूरा मामला

दिग्विजय चौटाला को अपने भाई और राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का साथ मिला है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दिग्विजय चौटाला ने जो कहा है वो सोच समझकर ही कहा होगा। 2024 तक इनेलो के पास लोग ही नहीं बचेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Jan 21, 2022 8:34 AM IST

चंडीगढ़ : हरियाणा (Haryana) की राजनीति में दबदबा रखने वाले चौटाला परिवार के बीच अब जुबानी जंग छिड़ गई है। जिसकी शुरुआत हुई इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) के चुटकी लेने से। अभय सिंह ने कहा कि जननायक जनता पार्टी का विलय भाजपा (BJP) में हो जाएगा। इस पर जननायक जनता पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह चौटाला (Digvijay Singh Chautala) ने पलटवार करते हुए कहा है कि 2024 में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) का उनकी पार्टी में विलय होगा। 

दिग्विजय को मिला डिप्टी सीएम का साथ
वहीं, इस मामले में दिग्विजय चौटाला को अपने भाई और राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) का साथ मिला है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दिग्विजय चौटाला ने जो कहा है वो सोच समझकर ही कहा होगा। 2024 तक इनेलो के पास लोग ही नहीं बचेंगे। जब इनेलो के सब लोग हमारे पास आ जाएंगे तो इनेलो का विलय अपने आप ही जेजेपी में हो जाएगा।

चौटाला परिवार का विवाद
बता दें कि कांग्रेस छोड़ने के बाद चौधरी देवीलाल ने इंडियन नेशनल लोकदल की स्थापना की थी। देवीलाल के निधन के बाद इस पार्टी की कमान देवीलाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला के हाथ में रही। ओपी चौटाला इसी पार्टी से हरियाणा के मुख्यमंत्री भी रहे। ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह और छोटे बेटे अभय सिंह के बीच विवाद होने पर दिसंबर 2018 में अजय सिंह ने अपने बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला के साथ जननायक जनता पार्टी का गठन किया। यह इंडियन नेशनल लोकदल का विभाजन ही था। कभी सत्ता में रहने के बाद मुख्य विपक्षी दल रहे इंडियन नेशनल लोकदल ने सियासी प्रभाव खो दिया। 

जननायक जनता पार्टी को नहीं मिली साख
उधर, जननायक जनता पार्टी भी वो साख हासिल नहीं कर पाई। साल 2019के विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल के एक मात्र विधायक अभय सिंह ही चुने गए। जननायक जनता पार्टी को दस सीट मिली और भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलने से जजपा ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन देकर सत्ता में भागदारी कर ली। पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री बनाए गए और दो अन्य मंत्री बनाए गए। मूल पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल और जजपा के बीच जुबानी जंग इस तरह चलती रहती है। 

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