इंडिया में कमाल: अब किसानों के लिए रामबाण बना ड्रोन, खेतों में डालेगा खाद..10 मिनट में ही एक एकड़ कवर

खाद खत्म होने पर ड्रोन खुद ही वापस आएगा और लेकर वापस उसी जगह से स्प्रे शुरू करेगा। इससे न तो कोई जगह छूटेगी और ना ही कहीं पर दोहराव होगा। ड्रोन में सेंसर भी लगा होगा, जो रास्ते में किसी तरह की रुकावट से बचकर आगे निकल जाएगा।

करनाल (हरियाणा) : अब तक आपने ड्रोन के कई इस्तेमाल देखे होंगे लेकिन देश में पहली बार अब खेतों में ड्रोन से खाद का छिड़काव किया जाएगा। इसकी शुरुआत हरियाणा (haryana) के करनाल (Karnal) से होगी। इसमें IFFCO द्वारा विश्व में पहली बार तैयार तरल उर्वरक नैनो यूरिया का इस्तेमाल किया जाएगा। यह ड्रोन सिर्फ 10 मिनट में ही एक एकड़ फसल पर स्प्रे करेगा। इसे एक जगह से बैठकर पांच किलोमीटर की परिधि में इस्तेमाल में लाया जा सकता है। ड्रोन को ऑटोमैटिक मोड पर भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसके लिए इसमें वह क्षेत्र पहले से ही व्यवस्थित करना पड़ेगा, जिसमें खाद का स्प्रे होना है। 

समय, पानी और पैसे की बचत
ड्रोन से खाद के छिड़काव को लेकर कई फायदे भी हैं। इसमं समय, पानी और पैसे की बचत तो होगी ही, साथ ही उत्पादन भी बेहतर होगा। IFFCO करनाल के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. निरंजन सिंह का कहना है कि अभी तक स्प्रे कराने में करीब 300 रुपए मजदूरी लगती है। लेकिन ड्रोन से सिर्फ 200 रुपये प्रति एकड़ ही खर्च आएगा। 

Latest Videos

10 मिनट में एक एकड़ कवर
IFFCO को सरकार की तरफ से इसकी अनुमति भी मिल गई है। ड्रोन को कोई किसान या संस्था लेगी, तो IFFCO इसके लिए लोन दिलाने, रिकॉर्ड तैयार कराने में पूरी मदद करेगा। ड्रोन को खरीदने में करीब साढ़े सात लाख रुपए का खर्च आएगा। ड्रोन विशेषज्ञ डॉ. शंकर गोयनका ने बताया कि आमतौर पर किसानों को प्रति एकड़ करीब 100 लीटर पानी में 500 मिली नैनो यूरिया मिलाकर स्प्रे करना पड़ता है, जिसमें करीब एक घंटे का वक्त लगता है, लेकिन ड्रोन स्प्रे में एक एकड़ में सिर्फ 250 मिली नैनो यूरिया, 10 लीटर पानी मिलाना होगा और सिर्फ 10 मिनट में स्प्रे हो जाएगा और पूरे पौधे भी भीग जाएंगे।

इसे भी पढ़ें-गजब कारनामा: कबाड़ प्लेन को बना डाला शानदार रेस्टोरेंट, एक बार देखेंगे तो जाएंगे बार-बार...देखें तस्वीरें

किराए पर भी ले सकेंगे ड्रोन
ड्रोन को किसान किराए पर भी ले सकेगा। अगले तीन से चार दिन में करनाल में ड्रोन आ जाएगा। ड्रोन स्प्रे की शुरुआत करनाल से ही की जाएगी। इसके बाद हरियाणा और देश के अन्य राज्यों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन स्प्रे का ट्रायल पिछले दिनों गुजरात (gujrat) के भावनगर में केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) की मौजूदगी में हो चुका है। करनाल से ही हरियाणा में पहली बार नैनो यूरिया की बिक्री भी शुरू कराई गई थी।

बड़े काम का ड्रोन
ड्रोन विशेषज्ञ डॉ. शंकर गोयनका ने बताया कि ड्रोन स्प्रे का सबसे बड़ा फायदा किसानों को गन्ना, बाग, सरसों जैसी उन फसलों में होगा, जिनकी ऊंचाई ज्यादा होती है या फिर जिनमें अंदर जाने से फसलों को नुकसान होता है या जलभराव जैसी स्थिति में किसान वहां नहीं जा पाते हैं। 8000 RPM वाला ड्रोन पत्तियों से लेकर तनों तक पेड़ को बिना किसी गैप के स्प्रे करता है। खास बात यह है कि 100 एकड़ तक के खेत को भी एक बार में स्कैन करके इसमें लगा कैमरा फोटो भी तैयार करेगा। इस फोटो से किसान यह देख सकेगा कि पूरे खेत में किस स्थान पर बीमारी या कीड़ा लगा है। पानी खत्म होने पर ड्रोन खुद ही वापस आएगा और पानी लेकर वापस उसी जगह से स्प्रे शुरू करेगा। इससे न तो कोई जगह छूटेगी और ना ही कहीं पर दोहराव होगा। ड्रोन में सेंसर भी लगा होगा, जो रास्ते में बिजली का पोल या पेड़ के आने पर खुद ही उससे बचकर आगे निकल जाएगा।

इसे भी पढ़ें-अकसर मौत की मंजिल बन जाती हैं ये खूबसूरत वादियां, 3 ट्रैकर के साथ हुआ भयंकर हादसा, बर्फ में दबी मिलीं लाशें

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट