
हिसार : हरियाणा (Haryana) के राखीगढ़ी (Rakhigarhi) में पांच हजार साल पुराने शहर के सबूत मिले हैं। यहां भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण को हड़प्पाकालीन शहर की पुरातात्विक खुदाई में विकसित शहर होने के सबूत मिले हैं। इस सबूत से पता चलता है कि यहां कभी एक व्यवस्थित शहर रहा होगा। खुदाई के दौरान ASI को सोने के आभूषण, बर्तन और दो महिलाओं के कंकाल भी मिले हैं। ASI को एक मुहर भी मिली है, जिस पर हड़प्पाकाल (Harappan Era) में इस्तेमाल होने वाली लिपि अंकित है। बता दें कि इस इलाके की पिछले 32 साल से खुदाई चल रही थी। विभाग ने बताया कि फिलहाल यहां खुदाई का काम चलता रहेगा। इसका अगला स्टेप इसी साल सितंबर से शुरू होगा।
मकानों की डिजाइन में किचन
पांच हजार साल पुराने इस शहर के मकानों की जो डिजाइन मिली है, उसमें पाया गया है कि तब भी घरों में किचन होते थे। खुदाई के दौरान सोने और तांबे के आभूषण भी मिले हैं। इससे पता चलता है कि हजारों साल पहले ये जगह व्यापार का एक महत्वपूर्ण जगह रहा होगा। यहीं से ज्यादातर कारोबार होता रहा होगा।
कंकाल के पास चूड़ियां, आइना मिला
राखीगढ़ी साइट से महिलाओं के जो कंकाल मिले हैं, उनके पास चूड़ियां, तांबे का आइना और टूटे बर्तन मिले हैं। इससे यह साबित हो रहा है कि वे महिलाएं मूल रूप से भारतीय थीं। कंकाल के पास मिले श्रृंगार के इन समानों से पता चलता है कि तब के समय ये महिलाएं जरुर ही किसी बड़े पद पर रही होंगी। क्योंकि हड़प्पा काल में कोई व्यक्ति अगर बड़े पद पर है या विशेष हो तो उसकी अंतिम विदाई इसी तरह की जाती थी। कंकाल के पास से पत्थर के मनकों की माला भी मिली है, जिससे माना जा रहा है कि इन माला को पहनकर ही महिलाएं श्रृंगार करती रहीं होंगी।
लिपि से हो सकता है कई और खुलासा
एएसआई की इस खुदाई के दौरान टीम को बर्तन और मुहर भी मिली है। जिस पर हड़प्पा काल की लिपि अंकित है। हालांकि इसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है लेकिन कहा जा रहा है कि इसे जल्द ही पढ़ लिया जाएगा और तब उस सभ्यता की कई और बातें सामने आ सकती हैं।
1960 में पहली बार अवशेषों का पता चला
राखीगढ़ी में 1960 में पहली बार हड़प्पाकालीन अवशेषों का पता चला था। 2020-21 में केंद्र सरकार ने देश की ऐसी पांच जगहों पर खुदाई कराने और उनसे जुड़े पुरातात्त्विक तथ्यों का पता लगाने के ऐलान के साथ बजट जारी किया। राखीगढ़ी उनमें से एक है। 24 फरवरी 2022 से यहां खुदाई का काम शुरू हुआ। एसके मंजुल की अगुवाई में पूरी खुदाई चल रही है। एसके मंजुल ने ही 2018 में यूपी के सनौली में पुरातात्त्विक स्थल की खुदाई का काम किया था, तब वहां लौह-पूर्व काल की कई चीजें मिली थीं।
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