
चंडीगढ़. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने उनसे सीआईडी का प्रभार वापस लिए जाने के कुछ घंटों बाद बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने हमेशा यह कहा है कि मुख्यमंत्री सबसे ऊपर हैं और वह किसी भी विभाग को ले सकते हैं या विभाजित कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार ने एक बयान में बताया
हरियाणा सरकार ने बुधवार देर रात एक बयान में बताया था कि विज का अब आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) पर नियंत्रण नहीं रहेगा।
बयान में कहा गया है, '' हरियाणा के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सलाह पर मुख्यमंत्री और दो मंत्रियों को नए पदभार आवंटित किए हैं। मुख्य सचिव की ओर से जारी अधिसूचना में अपराध जांच विभाग और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग तथा राज भवन से जुड़े मामले मुख्यमंत्री मनोहर लाल को उनके मौजूदा प्रभारों के अलावा आवंटित किए जाते हैं।''
विज से जब सीआईडी का प्रभार वापस लिए जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने 'पीटीआई भाषा' से कहा, ''मैंने हमेशा कहा है कि मुख्यमंत्री सबसे ऊपर हैं और वह कोई भी विभाग ले सकते हैं या विभाजित कर सकते हैं।'' उन्होंने इस मामले पर आगे कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
विज और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं
इससे पहले विज ने कहा था कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री उनके ''बेस्ट फ्रेंड (सबसे करीबी मित्र)'' हैं।
विज ने पहले इस बात पर नाखुशी जाहिर की थी कि सीआईडी उन्हें विभिन्न विषयों पर जानकारी नहीं देती है। संतुष्ट प्रतीत हो रहे विज ने कहा, ''आज पहली बार एसपी रैंक के एक अधिकारी ने मुझे जानकारी दी। अब वह रोजाना मुझे जानकारी देंगे।''
विज की यह टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस बयान के बाद आई थी कि खट्टर और विज के बीच सीआईडी के नियंत्रण को लेकर मतभेद सुलझा लिया गया है।
भाजपा के महासचिव अनिल जैन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''यह मुद्दा सुलझ गया है। मुख्यमंत्री सरकार के प्रमुख हैं और वह जो विभाग चाहें, अपने पास रख सकते हैं।''
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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