
अंबाला, हरियाणा. शक्ल से ज्यादा सीरत मायने रखती है, लेकिन चंडीगढ़ के पासपोर्ट कार्यालय में इस लड़की की शक्ल मायने रखती है। यह हैं संतोष। ये अंबाला में रहती हैं। ये और इनकी बहन सुषमा अपना पासपोर्ट बनवाने चंडीगढ़ आफिस गई थीं। वहां कर्मचारियों ने इन्हें लौटा दिया। तर्क दिया गया कि इनकी शक्ल नेपाली दिखती है। इसलिए भारतीय होने का सबूत देना होगा। हैरान करने वाली बात यह है कि दोनों बहनों ने सभी जरूरी कागजात जमा किए थे, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें देखना तक उचित नहीं समझा। हालांकि जब यह मामला हरियाणा के मंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंचा, तो हड़कंप मच गया। अब जाकर दोनों बहनों के पासपोर्ट बनने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
हरियाणा सरकार में गृहमंत्री अनिल विज ने डीसी को मामला दिखवाने की आदेश दिए थे। डिप्टी कमिश्नर अशोक शर्मा ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया था। उन्होंने चंडीगढ़ के पासपोर्ट कार्यालय से पूछा था कि जब लड़कियों ने सारे दस्तावेज जमा कराए हैं, तो फिर उनका पासपोर्ट क्यों नहीं बन रहा? इसके बाद पासपोर्ट बनने की प्रक्रिया शुरू हुई।
अंबाला में जन्मी संतोष ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की है। अभी वे अपने पिता के बुटीक में हाथ बंटाती हैं। उनकी बहन सुषमा विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहती है। इसलिए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। उनके आवेदन पर टिप्पणी कर दी गई कि 'आवेदनकर्ता नेपाली लगता है!'
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