सब्जी बेचने वाला कैसे बन गया हरियाणा का मुख्यमंत्री, खाई शादी न करने की कसम

हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज भले शासन चला रहे हैं लेकिन एक वह वक्त भी था जब वह दुकान चलाया करते थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़े खट्टर हरियाणा की राजनीति में पहले गैर जाट मुख्यमंत्री हैं। जानिए खट्टर की जन्मतिथि, परिवार, स्कूल, संघ सेवा से लेकर राजनीतिक कॅरियर की पूरी जानकारी- 
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2019 11:05 AM IST / Updated: Oct 13 2019, 06:14 PM IST

चंडीगढ़. हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज भले शासन चला रहे हैं लेकिन एक वह वक्त भी था जब वह दुकान चलाया करते थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़े खट्टर हरियाणा की राजनीति में पहले गैर जाट मुख्यमंत्री हैं। जानिए खट्टर की जन्मतिथि, परिवार से लेकर राजनीतिक कॅरियर की पूरी जानकारी- 

खट्टर की जन्मतिथि- 

खट्टर के पिता 1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकर रोहतक ज़िले एक गांव में बस गए थे। खट्टर का जन्म  5 May 1954 में हुआ। 65 वर्षीय खट्टर का परिवार आर्थिक स्थिति से जूझता रहा है। फिर उनके परिवार ने खेती करना और सब्जी उगाना शुरू किया। उनके बड़े भाई ने सब्जी बेची और खट्टर को पढ़ाया है। 

खट्टर की जाति- 

मूल रूप से पंजाबी खट्टर खत्री जाति से हैं। हरियाणा में जाटों को दबदबा रहा है लेकिन साल 2014 में जब खट्टर सीएम बने तो वह पहले गैर जाट मुख्यमंत्री थे। खट्टर ने जनता का दिल जीता और राज्य में सरकार बनाने में कामयाब रहे। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के दसवें मुख्यमंत्री हैं।

गणित के बेस्ट स्टूडेंट थे खट्टर 

खट्टर के स्कूलिंग गांव में आनंदपुर हाईस्कूल से ही हुई है। वह गणित में बेस्ट थे। पहली से दसवीं तक उनके सहपाठी दोस्तों ने उनसे जुड़े कई किस्से शेयर कि थे। जैसे कि खट्टर ने एक बार टीचर से कहा था कि उन्हें कौन सा पढ़ लिख कर प्रधानमंत्री बनना है। खट्टर के साथ पढ़ने वाले रिटायर्ड हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश कलसन ने बताया था कि खट्टर पढ़ाई को लेकर बेहद संजीदा थे। दसवीं में वह साइंस के छात्र थे और उनकी गणित बहुत अच्छी थी। यहां तक खट्टर क्लास के मॉनिटर भी बनते थे।

साइकिल से सब्जी बेचकर जाते थे स्कूल- 

खट्टर की जिंदगी में बहुत से संघर्ष रहे हैं। गरीबी से जूझता परिवार खेती से गुजारा करता था। उनके पिता हरवंश लाल सब्जी उगाते थे। जब मनोहर लाल दसवीं में आए तो सुबह उठकर खेत से सब्जी तोड़ने जाते थे। वह सुबह सवेरे साइकिल पर सब्जी लादकर रोहतक मंडी जाते फिर वहां से गांव स्कूल जाते थे। 

सदर बाज़ार में चलाई दुकान-

खट्टर दसवीं पास करने के बाद दिल्ली में सदर बाज़ार में दुकानदारी करने लगे। घर के हालात देख खट्टर ने दुकान चलाना शुरू किया बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही वह संघ से जुड़ गए। 

खट्टर का परिवार-

मनोहर लाल खट्टर कट्टर संघ समर्थक हैं, उन्होंने संघ में काम करने को प्रमुखता में रखा और कभी शादी न करने की कसम खाई थी। इसलिए उन्होंने कभी शादी नहीं की।

खट्टर की पसंद का खाना- 

खट्टर को खेल-कूद बहुत है, वह स्कूल के वक्त से खेलों को खूब टाइम देते हैं। साथ ही खाने की बात की जाए तो उन्हें खाने में दाल चावल और हरी सब्जियां पसंद हैं।

मात्र 24 साल उम्र में संघ से जुड़े-

खट्टर संघ प्रचारक और कार्यकर्ता हैं। साल 1977 में 24 वर्ष की उम्र में वह आरएसएस से जुड़े थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता के बाद 27 साल की उम्र में वे संघ के बड़े प्रचारक बन गए। 14 साल तक वो लगातार संघ के लिए काम करते रहे। जिसका फायदा उन्हें साल 1994 में मिला जब उन्हें बीजेपी में शामिल कर लिया गया। बीजेपी ने खट्टर को हरियाणा का महासचिव बनाया फिर 2014 तक वो हरियाणा के प्रदेश महासचिव के पद पर बने रहे। बीते 35 साल से संघ और भाजपा में सक्रिय हैं। वह नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र नेता हैं। 

नरेंद्र मोदी के रूम मेट रहे हैं खट्टर-

मनोहर लाल खट्टर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूम मेट भी रहे हैं। मोदी उस तब हरियाणा बीजेपी के प्रभारी हुआ करते थे, खट्टर ने आरएसएस प्रचारक के तौर पर मोदी के साथ बहुत काम किया है। तब खट्टर मोदी के साथ रूम शेयर करते थे। इस दौरान दोनों एक कमरा  में रहते थे और राज्य में संघ और बीजेपी के कार्यक्रमों में जुड़े रहे। पीएम मोदी के साथ के साथ दोस्ती और समझदारी का उन्हें फायदा मिला और साल 2014 में उन्हें चुनाव लड़ने का मौका मिला।

खट्टर का राजनीतिक करियर- 

2014 में चुनाव के समय तक सीएम पद के लिए खट्टर के चेहरे से लोग अनजान थे। फिर खट्टर ने इसी साल पहली बार चुनाव लड़ा और जीता भी। हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार थी वह जाटों के दिग्गज नेता रहे हैं। हुड्डा को हरा खट्टर ने राज्य में अपनी सरकार बनाई। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह नारवाल को 63,736 वोटों के भारी अंतर से हराया। मनोहर लाल खट्टर को संघ की सेवा और प्रचारक होने का फायदा मिला और वह राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए। अब विधानसभा चुनाव 2019 में खट्टर करनाल से चुनाव लड़ रहे हैं। 

Share this article
click me!