अमेरिका में हुए एक दवा के ट्रायल से कैंसर के रोगियों के लिए उम्मीद जगी है। दवा से कैंसर पूरी तरह खत्म हो गया। अगर आगे बड़े पैमाने पर होने वाले ट्रायल में सफलता मिलती है तो यह कैंसर फ्री दुनिया की ओर कदम हो सकता है।
वाशिंगटन। अमेरिका के मैनहट्टन स्थित मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर में हुए ट्रायल से मिले नतीजे ने राहत भरी खबर दी है। अब वह दिन दूर नहीं जब कैंसर (cancer) के मरीज को ऑपरेशन और कीमोथेरेपी जैसे इलाज से नहीं गुजरना होगा। मरीज दवा खाकर ही पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे।
ट्रायल में कैंसर के रोगियों की 100 फीसदी बीमारी ठीक हो गई। यह ट्रायल अभी छोटे पैमाने पर किया गया है, लेकिन इससे उम्मीद जगी है कि जल्द ही कैंसर के रोगियों को कीमोथेरेपी या सर्जरी के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा। इस दवा का नाम dostarlimab है। यह दवा रेक्टल कैंसर के 12 रोगियों को दिया गया। दवा से कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया।
लाखों लोगों को मिली नई उम्मीद
कैंसर की नई दवा ने दुनियाभर के लाखों लोगों को नई उम्मीद दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार करीब हर छह में से एक मौत कैंसर के चलते होते हैं। 2020 में ब्रेस्ट कैंसर के सबसे अधिक मरीज (226 लाख) मिले। इसके बाद लंग कैंसर (221 लाख) और कोलोन व रेक्टम कैंसर के मरीजों (1.93 लाख) की संख्या थी। अगर आगे बड़े पैमाने पर होने वाले ट्रायल में सफलता मिलती है तो यह कैंसर फ्री दुनिया की ओर कदम हो सकता है।
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में हाल ही में प्रकाशित एक पेपर में मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के डॉ लुइस ए डियाज जूनियर ने कहा कि उन्हें किसी अन्य अध्ययन के बारे में पता नहीं था, जिसमें एक इलाज ने हर रोगी में कैंसर को पूरी तरह से समाप्त कर दिया। मेरा मानना है कि कैंसर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
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वहीं, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय,सैन फ्रांसिस्को में कोलोरेक्टल कैंसर विशेषज्ञ एलन पी वेनुक (जो अध्ययन करने वाली टीम का हिस्सा नहीं थे) ने भी कहा कि पहली बार यह सफलता मिली है। हमने पहले ऐसा नहीं सुना था कि किसी दवा से सभी रोगियों का कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया।
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