स्टडी: प्रेग्नेंट महिलाओं के ब्लड शुगर कंट्रोल सख्ती से की जाए, तो बच्चे के जीवन से टल जाएगा खतरा

Published : Sep 09, 2022, 09:34 AM IST
स्टडी: प्रेग्नेंट महिलाओं के ब्लड शुगर कंट्रोल सख्ती से की जाए, तो बच्चे के जीवन से टल जाएगा खतरा

सार

प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को हाई ब्लड शुगर लेवल या डायबिटीज की समस्या हो जाती है। शोध में यहा पाया गया है कि इससे होने वाले बच्चे को जोखिम होता है, या फिर उसके होने के बाद हेल्थ प्रॉब्लम्स होते हैं।

हेल्थ डेस्क. डायबिटीज वाली प्रेग्नेंट महिलाओं के ब्लड शुगर के लेबल को कम करने से बड़े नवजात शिशुओं की संभावना को कम ही नहीं किया गया बल्कि जन्म के दौरान बच्चे की मृत्यु और चोट के जोखिम को भी कम किया गया। इसे लेकर एक स्टडी की गई। दरअसल, डायबिटीज पीड़ित मां औसत से ज्यादा बड़े बच्चे को जन्म देती है। जिसकी वजह से जन्म के वक्त उसे चोट लगने या मौत का जोखिम बना होता है।

न्यूजीलैंड के ऑकलैंड यूनिवर्सिटी में कैरोलिन क्रॉथर (Caroline Crowther) और उनकी टीम ने इसे लेकर एक स्टडी किया। जिसका निष्कर्ष पीएलओएस मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। दुनिया भर में प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज बढ़ने की समस्या आम हो रही है। जो अक्सर विशेष रूप से बड़े बच्चों के जन्म का कारण बनती है। इतना ही नहीं बच्चे में जीवन भर मोटापा और टाइप 2 डायबिजीट का खतरा बना रहता है।

ब्लड शुगर कंट्रोल सख्ती से कंट्रोल करने की जरूरत

प्रेग्नेंट महिलाएं ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकती हैं। वो इसके लिए अपने आहार में बदलाव कर सकती हैं, दवा ले सकती हैं। हालांकि यह अभी पता नहीं चल पाया है कि मां और बच्चे के लिए जोखिम को कम करने के लिए ब्लड शुगर को कितनी सख्ती से नियंत्रित किया जाना चाहिए। सख्ती से इसे नियंत्रित करने के क्या परिणाम हो सके हैं इसे लेकर शोध किया गया।

बच्चे के मृत्यु जोखिम को कम किया गया

न्यूजीलैंड के 10 अस्पतालों में प्रेग्नेंसी डायबिटीज पीड़ित 1,100 महिलाओं को देखा गया। अध्ययन के दौरान, प्रत्येक अस्पताल में मौजूद डायबिटीज पीड़ित प्रेग्नेंट महिलाओं के हाई ब्लड शुगर से लो ब्लड शुगर में बदलने का लक्ष्य रखा गया। इसके बाद प्रत्येक समूह  में महिलाओं और शिशुओं के परिणामों की तुलना की गई। जिनकी सख्ती से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया गया था उनके बच्चे अपेक्षा से बड़े नहीं हुए। इसके साथ ही जन्म के दौरान शिशु मृत्यु, आघात और कंधे के डिस्टोसिया के जोखिम को आधे से कम कर दिया। हालांकि सख्ती से ब्लड शुगर नियंत्रण करने से मां के लिए गंभीर स्वास्थ्य परिणामों के जोखिम को लगभग दोगुना कर दिया। जैसे की प्रसव के दौरान या इसके बाद हैवी ब्लीडिंग का होना।

डॉक्टर अपने प्रेंग्नेंट पेशेंट के डायबिटीज कंट्रोल करने में सख्ती कर सकते हैं

नए स्टडी के रिजल्ट से डॉक्टरों को यह तय करने में मदद मिल सकती है कि वो अपने प्रेग्नेंट डायबिटीज पीड़ित पेशेंट के ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल कर सकते हैं या करना चाहिए।  क्रॉथर कहते हैं कि यह अनूठा  परीक्षण गर्भावस्था के साथ महिलाओं के लिए नए, अनुशंसित कड़े उपचार लक्ष्यों के अनुक्रमिक कार्यान्वयन के लिए अनुमति देता है। इस स्टडी ने बताया कि सख्त उपचार लक्षयों के उपयोग करने से नुकसान के बिना सही लाभ हो सकात है।

और पढ़ें:

भारतीय पुरुषों की मर्दानगी पर लगा 'ग्रहण', स्पर्म बनने से रोक रहे हैं ये 8 नए जीन्स, रिसर्च में खुलासा

टीवी एक्ट्रेस ने इस सीक्रेट तरीके से 50 kg किया Weight loss, बिकिनी में तस्वीरें देख उड़ जाएंगे होश

PREV

Recommended Stories

Face Steaming Mistakes: DIY फेस स्टीमिंग का ट्रेंड पड़ सकता है भारी, अगर आप भी कर रहे हैं ये भूल
Baby Cold Care Tips: नन्हे बच्चे की सर्दी-जुकाम में दवा नहीं, अपनाएं ये 5 सेफ घरेलू उपाय