डाइटिंग मोटापे से भी ज्यादा खतरनाक है। कम कैलोरी और कम फूड लेकर मोटापा और वजन कम करने के नुकसान बहुत ज्यादा हैं। रिसर्च से पता चला है कि डाइटिंग से मोटापा कम तो नहीं होता, बल्कि कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।
हेल्थ डेस्क। डाइटिंग मोटापे से भी ज्यादा खतरनाक है। कम कैलोरी और कम फूड लेकर मोटापा और वजन कम करने के नुकसान बहुत ज्यादा हैं। रिसर्च से पता चला है कि डाइटिंग से मोटापा कम तो नहीं होता, बल्कि कई तरह की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग डाइटिंग कर अपना वजन कम करते हैं, कुछ समय के बाद उनका वजन और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, उनकी खाने-पीने की आदतों में बदलाव होने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने लगती हैं। डाइटिंग से मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर तो पड़ता ही है, इससे मानसिक स्वास्थ्य भी खराब होता है। शोधकर्ताओं ने डाइटिंग से होने वाले 4 बड़े नुकसानों के बारे में बताया है। जानते हैं इनके बारे में।
1. मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर
बताया जा रहा है कि डाइटिंग का सबसे बुरा असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। मेटाबॉलिज्म खराब होने से स्वास्थ्य पर सीधा असर होता है। जो लोग डाइटिंग करते हैं, उनका खान-पान बेहद अनियमित हो जाता है। इससे शरीर को जितनी एनर्जी मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पाती। इसके साथ ही, खाने-पीने के समय में बदलाव होने, जरूरी मात्रा में फैट, प्रोटीन और दूसरी चीजें नहीं मिल पाने के कारण मेटाबॉलिज्म रेट बहुत धीमा हो जाता है। इससे शरीर के हर अंग का कामकाज प्रभावित होता है।
2. आंतों को होता है सबसे ज्यादा नुकसान
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आंतों पर डाइटिंग का सबसे खतरनाक असर होता है। शरीर के वजन के हिसाब से आंतों में बैक्टीरिया होते हैं। भोजन को पचाने और उसके बाद की प्रक्रिया में उनकी बड़ी भूमिका होती है। डाइटिंग से उनमें बदलाव आ जाता है। आंतों में रक्त से जुड़े कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल पर असर डालते हैं। यही नहीं, डाइटिंग छोड़ने के बाद आंतों में मौजूद बैक्टीरिया फिर से वजन बढ़ाने में सहायक हो जाते हैं।
3. डाइटिंग से बढ़ता है बुरा फैट
जो लोग समझते हैं कि डाइटिंग से उनका फैट कम हो जाता है, वे बड़ी गलतफहमी में हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डाइटिंग से कई तरह के जरूरी तत्व शरीर को नहीं मिल पाते हैं। इसके अलावा, सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि इससे गलत किस्म का फैट शरीर में बढ़ने लगता है, जिससे दिल की बीमारियों के अलावा डायबिटीज की समस्या पैदा हो सकती है। इससे पूरे शरीर में जलन की समस्या भी पैदा हो सकती है। यही नहीं, डाइटिंग करने से जो गलत तरह का फैट बढ़ता है, वह मोटापे और ज्यादा वजन की तुलना में स्वास्थ्य पर ज्यादा बुरा असर डालता है।
4. मानसिक स्वास्थ्य के लिए भयानक
डाइटिंग को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए भयानक बताया है। उनका कहना है कि डाइटिंग से डिप्रेशन जैसी समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। इससे आत्मविश्वास भी कमजोर होता है और सेरोटोनिन नाम के केमिकल के स्राव में कमी आती है। सेरोटोनिन के कम स्राव से न्यूरोट्रांसमीटर कमजोर पड़ जाते हैं। ये न्यूरोट्रांसमीटर ही हमारे दिमाग की कई गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। इनके ठीक से काम नहीं कर पाने की हालत में नींद में कमी, मूड का खराब होना, चिंता और अवसाद जैसी कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं। इन समस्याओं को दूर कर पाना आसान नहीं होता।