भारत में मिला मंकीपॉक्स का पहला मरीज, जानें इसके लक्षण और बचाव का तरीका

Monkey pox in India: भारत के केरल राज्य में मंकीपॉक्स का पहला मामला मिला है। जिसके बाद सभी राज्यों को अलर्ट किया गया है। इस बीच हम आपको बताते हैं मंकीपॉक्स के लक्षण और इसके बचाव के उपाय।

Asianet News Hindi | Published : Jul 15, 2022 8:19 AM IST

हेल्थ डेस्क : कोरोना (Coronavirus) महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत में एक और वायरस ने दस्तक दे दी है। दरअसल, दुनिया भर में फैल रहा मंकीपॉक्स (monkey pox) अब भारत में भी आ गया है। गुरुवार को पहला मंकीपॉक्स का केस केरल राज्य में मिला। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर जरूरी दिशानिर्देश दिए हैं। बता दें कि मंकीपॉक्स से पिछले 6 महीने में दुनियाभर के लगभग साढ़े तीन हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में अब लोगों का यह सवाल है कि मंकीपॉक्स के लक्षण (monkey pox symptoms) क्या होते हैं और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।

मंकीपॉक्स क्या होता है 
बता दें कि मंकीपॉक्स एक तरीके का संक्रामक रोग है। जिसमें चेचक के समान ही शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं। हालांकि, यह उससे थोड़े कम होते हैं। पहली बार 1958 में ये संक्रमण बंदरों में पाया गया था, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है। बंदरों के बाद कांगो में 1970 में मंकीपॉक्स का इंसानों में पहला मामला पाया गया था। इसमें आमतौर पर बुखार, कमजोरी, पीठ दर्द, मुंह के अंदर सफेद चकते, शरीर पर लाल चकत्ते होना, सूजन, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर दाने और गांठ नुमा फोड़े पड़ आदि शामिल होता है।

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मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षणों की बात की जाए तो इसमें सबसे पहले मरीज को बुखार आता है। इसके बाद स्किन पर लाल रंग के चकत्ते या रैशेज पड़ने लगते हैं। इस समय आपको डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है। इसके अलावा मरीज को शरीर में दर्द, थकान, गले में कफ और शरीर पर दाने निकल आते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह लक्षण 5वें दिन से 21वें दिन तक मरीज के शरीर में देखे जा सकते हैं। शुरुआत में यह काफी कुछ फ्लू जैसा ही नजर आता है। लेकिन धीरे-धीरे यह संक्रमण तेजी से फैलता है।

क्या कोरोना की तरह फैलता है मंकीपॉक्स
कोरोनावायरस की तरह ही मंकीपॉक्स भी एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकता है. ऐसे में मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और 21 दिन तक दूसरों के संपर्क में नहीं आना चाहिए, नहीं तो यह रोग फैल भी सकता है।

मंकीपॉक्स से बचाव
मंकीपॉक्स के लक्षण शरीर में नजर आने के बाद तुरंत आपको खुद को दूसरों से अलग कर लेना चाहिए, क्योंकि यह वायरस भी तेजी से फैलता है। बार-बार बुखार आने पर आप डॉक्टर की सलाह पर नॉर्मल पेरासिटामोल ले सकते हैं। लेकिन बहुत ज्यादा दवाइयों के सेवन से बचें और जिस तरह से भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही है कि मंकीपॉक्स जानलेवा होता है और इससे लोगों की जान चली जाती है। इस तरह की जानकारियों से दूर रहें।

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