अगर हम कहें कि भविष्य में ना सिर्फ महिलाएं बल्कि पुरुष भी प्रेग्नेंट हो सकेंगे तो आप सोचेंगे कि यह क्या मजाक है? लेकिन आपको बता दें यह कोई मजाक नहीं बल्कि वैज्ञानिक ही कह रहे हैं कि ऐसा संभव हो सकता है।
हेल्थ डेस्क : 19 नवंबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International men's day 2022 ) मनाया जा रहा है। इसे मनाने के पीछे का उद्देश्य पुरुषों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, समाज में उनके महत्व और उनके कार्य की सराहना करना आदि शामिल है। आज की दुनिया में पुरुषों और महिलाओं को एक समान देखा जा सकता है। लेकिन कई ऐसी चीजें हैं जो पुरुष नहीं कर सकते हैं। उन्हीं में से एक है बच्चा पैदा करना। जी हां, प्रेग्नेंट होने का सुख केवल एक महिलाओं को मिलता है। लेकिन अगर हम कहें कि अब पुरुष भी प्रेग्नेंट हो सकेंगे और बच्चों को जन्म दे सकेंगे तो क्या कहेंगे आप? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे पुरुषों में प्रेगनेंसी संभव हो सकती है...
20वीं सदी में आया आईडिया
पुरुषों में प्रेगनेंसी का आईडिया आज का नहीं है बल्कि 20वीं सदी से यह कांसेप्ट मौजूद रहा है। दरअसल, बीसवीं सदी में जोसेफ फ्लेचर नाम की एक फिलॉस्फर थे, जिन्हें बायोएथिक्स का पितामह कहा जाता था। उन्होंने 1974 में किताब लिखी थी, जिसका नाम 'द एथिक्स ऑफ जेनेटिक कंट्रोल' इसमें उन्होंने पुरुषों में यूट्रस ट्रांसप्लांट का आईडिया दिया और कहा कि यूट्रस ट्रांसप्लांट के जरिए ही पुरुष भी बच्चे पैदा कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं की तरह पुरुषों के चेस्ट में भी निपल्स, मेमोरी ग्लैंड्स और पिट्यूटरी ग्लैंड्स होती हैं, जिसे वह अपना दूध भी बच्चों को पिला सकते हैं।
जब महिला बने पुरुष ने दिया बच्चे को जन्म
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार शिव पार्वती अंबिका वन में घूमने गए थे। तभी कुछ ऋषि वहां गए। जिससे माता पार्वती को शर्म आ गई। इस बात पर शिवजी ने शाप दिया कि जो भी अंबिका वन में आएगा वह तुरंत स्त्री में बदल जाएगा। कहा जाता है कि एक बार राजा ईल भटक कर अंबिका वन पहुंच गए थे और स्त्री में बदल गए। इसके बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर ईला रखा। उनकी शादी ऋषि बुध से हुई। जिससे उन्हें पुरुरवा नाम के बच्चे का जन्म हुआ। जिसने अपनी मां को इस श्राप से मुक्त कराया और ईला फिर से राजा ईल बन गए। इस कहानी का जिक्र भले ही मेडिकल साइंस में नहीं है, लेकिन इससे एक बात यह पता चलती है कि पुरुषों के प्रेग्नेंट होने और बच्चों को जन्म देने का विचार नया नहीं है।
वैज्ञानिकों ने जताई संभावना
अमेरिकी पोर्टल सलून डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार सन फ्रांसिस्को में रीप्रोडक्टिव एंडोक्रिनोलोजिस्ट डॉक्टर एमी ने यह संभावना जताई थी कि दुनिया में लोगों में इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में भविष्य में बच्चे पैदा करने की जिम्मेदारी उठाने की जरूरत पुरुषों को भी पड़ सकती है। महामारी से लेकर प्राकृतिक आपदाएं और इनफर्टिलिटी समस्या आबादी के लिए खतरा साबित हो रही है। लेकिन प्रेग्नेंट होने के लिए यूट्रस सबसे जरूरी चीज है। हालांकि, पुरुषों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम में यूट्रस नहीं होता है। महिला से पुरुष बनने के लिए जेंडर चेंज करवाकर लोग प्रेग्नेंट हो सकते हैं।
पुरुषों के प्रेग्नेंट होने में क्या चुनौतियां हैं
दरअसल, पुरुषों में 4 ऐसी बड़ी समस्याएं है, जो उन्हें प्रेग्नेंट होने से रोक सकती हैं। उनमें से एक है मर्दों में प्रेगनेंसी के लिए जरूरी हार्मोंस की मात्रा पर्याप्त नहीं होती है। वहीं, पुरुषों में महिलाओं की तरह रीप्रोडक्टिव सिस्टम नहीं होता है। पुरुषों के पास ओवरी नहीं होती है। साथ ही मेल बॉडी में सबसे जरूरी चीज यूट्रस नहीं होता है।
लेकिन, अच्छी बात यह है कि मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है और चार में से तीन चुनौतियों को पार कर लिया है। पुरुषों में हार्मोन थेरेपी के जरिए इंजेक्शंस देकर हार्मोन की कमी को पूरा किया जा सकता है। वहीं, सर्जरी के जरिए पुरुषों में रीप्रोडक्टिव सिस्टम भी तैयार किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल ट्रांसजेंडर महिलाओं में आजकल में किया जा रहा है, जिससे ट्रांसजेंडर महिलाएं भी बच्चे पैदा कर पा रही है। आईवीएफ के रूप में हम पुरुषों में ओवरी का विकल्प भी तलाश पाए हैं। हालांकि, आखरी चैलेंज यूट्रस है जो ट्रांसप्लांट के जरिए किया जा सकता है।
महिलाओं और पुरुषों में समानताएं
अगर हम महिला और पुरुष में समानता की बात करें जिससे वह प्रेग्नेंट हो सकते हैं तो इनमें यह चीजें शामिल हैं-
1. महिला और पुरुष दोनों में 78 ऑर्गन होते हैं। यह सारे करीब-करीब एक तरह से काम करते हैं।
2. महिलाओं और पुरुषों दोनों के शरीर में 206 हड्डियां होती हैं और 12 जोड़ी पसलियों की हड्डियां होती हैं।
3. महिलाओं पुरुष के कंकाल में कपाल, पसलियां पेल्विस और हाथ पैर होते हैं। अंतर सिर्फ थोड़ी सी बनावट का होता है।
4. महिलाओं और पुरुषों की कद-काठी की बात की जाए तो इसमें औसत अंतर 4 से 9% होता है। पुरुषों का कद थोड़ा सा ज्यादा होता है।
5. महिला और पुरुष के शरीर की बनावट की बात की जाए तो महिलाओं का धड़ पुरुषों से बड़ा होता है। वहीं पुरुषों के सिर और हाथ पैर महिलाओं से बड़े होते हैं। इतना ही नहीं दोनों के डीएनए में 98.5 फीसदी की समानता होती है।
चूहों पर हुआ अध्ययन
चाइना में नेवल मेडिकल यूनिवर्सिटी ने जून 2021 में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। जिसमें उन्होंने मेल माउस यानी कि नर चूहे में यूट्रस ट्रांसप्लांट किया था। जिससे प्रेग्नेंट हुए चूहे ने 10 बच्चों को जन्म भी दिया था।
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