होली में इन 5 बातों का रखें खास ख्याल, बच्चों की सुरक्षा के लिए है जरूरी

होली रंगों का त्योहार है। इस मौके पर बच्चों से लेकर बड़े तक बेहद उत्साहित रहते हैं। लेकिन बच्चों की सुरक्षा को लेकर इस त्योहार में सतर्क रहना जरूरी है।

हेल्थ डेस्क। होली की धूम शुरू हो चुकी है। होली रंगों का त्योहार है। इस मौके पर बच्चों से लेकर बड़े तक बेहद उत्साहित रहते हैं। होली के पहले से ही बच्चे अक्सर रंग लेकर बाहर निकल जाते हैं और परिचित लोगों के अलावा सड़क पर आने-जाने वालों पर भी रंग फेंकते हैं। कुछ बच्चे छतों पर चढ़ कर पानी भरे गुब्बारे लोगों पर फेंकते हैं। होली में रंग नहीं खेले जाएं, ऐसा हो नहीं सकता। अगर आप बच्चों को रंग खेलने से रोकते हैं, तो वे उदास हो जाते हैं। ऐसे में, कुछ खास बातों का ख्याल रख कर बच्चों को रंगों के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है। जानें, होली पर क्या सावधानी बरतनी चाहिए।

1. गुब्बारे नहीं चलाने दें
बच्चों को समझाएं कि किसी भी अनजान आदमी पर पानी भरे गुब्बारे नहीं फेंकने चाहिए। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है। लोग किसी न किसी काम से कहीं जा रहे होते हैं। ऐसे में, पानी भरे गुब्बारे लगने से वे भीग जाते हैं और उन्हें फिर घर जा कर कपड़े बदलने पड़ते हैं। इससे उनके समय का नुकसान होता है। हो सकता है, उनका कोई जरूरी काम नहीं हो सके। गुब्बारों से चोट भी लगती है। जब आप प्यार से बच्चों को समझाएंगे तो वे आपकी बात मान लेंगे। 

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2. केमिकल कलर नहीं लाएं
आजकल बाजार में ज्यादातर केमिकल कलर बिकते हैं। गुलाल में भी केमिकल मिलाए जाते हैं। इसका स्किन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा भी इससे स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ सकता है। अगर केमिकल वाले कलर बच्चों की आंख में पड़ गए तो बहुत परेशानी हो सकती है। इसलिए केमिकल कलर से बचाव बेहद जरूरी है।

3. तेल का करें इस्तेमाल
जब बच्चे होली खेलने के लिए घर से निकलें, उसके पहले ही उनके पूरे शरीर पर सरसों का तेल लगा दें। चेहरे, हाथ, पैर और शरीर की खुली जगहों पर सरसों का तेल जरूर लगाएं। इससे रंगों का बुरा असर नहीं हो पाता और बाद में रंग आसानी से छूट भी जाते हैं। 

4. ऑर्गेनिक कलर लाएं
आजकल बाजार में फूलों और दूसरी नैचुरल चीजों से बने कलर भी मिलने लगे हैं। इन्हें ऑर्गेनिक कलर कहा जाता है। इनमें किसी तरह का केमिकल नहीं होता। ये थोड़े महंगे जरूर होते हैं, पर इनसे किसी तरह का नुकसान नहीं होता। ऑर्गेनिक गुलाल भी मिलते हैं। होली में इनका इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा। 

5. ज्यादा भीगने से बचाएं
होली के मौके पर बच्चे बार-बार रंगों में सराबोर हो जाते हैं। कई बार रंग खेलने के बाद जब वे नहा-धोकर तैयार हो जाते हैं, तब कोई न कोई आकर फिर से उन्हें रंग लगा देता है। ऐसे में, उन्हें बार-बार नहाना पड़ता है। इस समय मौसम पूरी तरह न तो गर्म होता है, न ठंडा। इससे उनके बीमार पड़ने की संभावना पैदा हो जाती है। इसलिए इसका ध्यान रखें कि बच्चे ज्यादा भीगे नहीं।     

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