शारीरिक संबंध बनाने से पहले जान ले ये जरूरी बात, नहीं तो हो सकते हैं इस दुर्लभ बीमारी के शिकार

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले शख्स में दुर्लभ बीमारी के स्ट्रेन पाए गये हैं। इस बीमारी का नाम सुपर गोनोरिया दिया गया है। इस बीमारी पर कोई भी एंटीबॉयोटिक्स असर नहीं कर रहा है।

हेल्थ डेस्क. ऑस्ट्रेलिया में एक शख्स के अंदर गोनोरिया (gonorrhea) का नया स्ट्रेन पाया गया है। जिसके बाद हलचल मच गया है। नए स्ट्रेन का नाम सुपर गोनोरिया दिया गया है। बताया जा रहा है कि इसे ठीक करने के लिए दिया जा रहा एंटीबायोटिक्स भी काम नहीं कर रहा है। इससे पहले साल 2018 में बहुत से देशों में सुपर गोनोरिया स्ट्रेन पाए गए थे। दरअसल शख्स ने विदेश दौरे के दौरान सेक्स वर्कर के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। जब वो वापस लौटा तो यूरिन करते वक्त प्राइवेट पार्ट में दर्द महससू हुआ। (फोटो साभार:freepik.com)

जिसके बाद टेस्ट में गोनोरिया स्ट्रेन पाया गया। गोनोरिया के इलाज में एजिथ्रोमाइसिन  दिया जाता है। लेकिन शख्स पर इसका भी असर नहीं हुआ।  इसके बाद कई और एंटिबायोटिक्स दिए गए लेकिन उसका भी कोई असर नहीं दिखा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शख्स का इलाज चल रहा है।

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क्या होता है गोनोरिया 

गोनोरिया एक यौन संचालित संक्रमण(sexually transmitted infection) है। जो नीसेरिया गोनोरिया (neisseria gonorrhoeae) या गोनोकोकस (gonococcus) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इसे द क्लैप के नाम से भी जाना जाता है। यह महिला पुरुष में यौन संबंध स्थापित करने से फैलते हैं। 

यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से लिंग से होने वाले स्त्राव और वैजिनल द्रव्य (vaginal fluid) में पाया जाता है। इस बीमारी से पुरुष और महिला दोनों पीड़ित हो सकते हैं। यह बीमारी मूत्रमार्ग,मलाशय और गले को प्रभावित करता है। महिलाओं में यह गर्भाशय या ग्रीवो को भी अपने जद में ले सकता है।

यह बीमारी वजाइन, ओरल या फिर एनल सेक्स से फैलता है। संक्रमित महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा भी इसका शिकार हो सकता है। गोनोरिया बच्चे की आंखों को प्रभावित कर सकता है।

गोनोरिया के लक्षण (Signs and symptoms)

गोनोरिया के मुख्य लक्षणों में योनि और लिंग से हरे या पीले रंग का गाढ़ा स्खलन, पेशाब करते समय दर्द का होना होता है।

वहीं, महिलाओं में वजाइनल डिस्चार्ज बहुत ज्यादा होता है।,यूरिन पास करते वक्त दर्द हो सकता है।   महिलाओं में माहवारी (periods) के बीच में खून का निकलना होता है। इसके अलावा पेट या पेल्विक फ्लोर में दर्द हो सकता है।

कौन प्रभावित होता है? 

25 साल की आयु से कम उम्र की महिलाएं जो यौन रूप से सक्रिय होती हैं उन्हें यह बीमारी हो सकती है। दूसरा वो पुरुष जिनके दूसरे पुरुषों से यौन संबंध हो। उन्हें गोनोरिया का खतरा ज्यादा होता है। जो जल्दी-जल्दी साथी बदलते हैं या कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते वो भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

गोनोरिया का इलाज

गोनोरिया का इलाज आमतौर पर एक एंटीबायोटिक इंजेक्शन और एक एंटीबायोटिक गोली से होता है। इलाज में एक से दो हफ्ते का वक्त लगता है। जब तक मरीज पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता सेक्स से बचने की सलाह दी जाती है।

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