निमोनिया से पीड़ित रहे लोगों को है खास सावधानी बरतने की जरूरत, जल्दी हो सकते हैं कोरोना वायरस के शिकार

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पूरी दुनिया में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 18 लाख से भी ज्यादा हो गई है, वहीं 1.4 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी इसके 9200 मामले सामने आ चुके हैं और 331 लोगों की मौत हो गई है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना का संक्रमण उन लोगों को जल्दी हो सकता है, जो पहले निमोनिया के शिकार रहे हों।

हेल्थ डेस्क। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पूरी दुनिया में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 18 लाख से भी ज्यादा हो गई है, वहीं 1.4 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी इसके 9200 मामले सामने आ चुके हैं और 331 लोगों की मौत हो गई है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना का संक्रमण उन लोगों को जल्दी हो सकता है, जो पहले निमोनिया के शिकार रहे हों। निमोनिया फेफड़े की बीमारी है। इसमें फेफड़े में इन्फेक्शन हो जाने से ब्लड में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। बीमारी बढ़ने पर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। जिन लोगों को निमोनिया होता है, उनके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर भी सांस से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं। इसलिए ऐसे लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। 

1. सर्दी-खांसी होने पर चेकअप जरूर कराएं
वैसे तो इस मौसम में सर्दी-खांसी की शिकायत होना आम बात है, लेकिन जो लोग पहले से निमोनिया से पीड़ित रहे हैं, उनमें अगर सर्दी-खांसी के लक्षण सामने आते हैं, तो उन्हें जरूर कोरोना वायरस की जांच करानी चाहिए। इससे वे खतरे से बच सकेंगे। इस तरह की परेशानी होने पर कोविड-19 हेल्पलाइन पर फोन कर सकते हैं। 

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2. ज्यादा चिंता नहीं करें
लोग कोरोना वायरस को लेकर दहशत में हैं। अगर आपको सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या हो रही हो, तो जरूरी नहीं कि यह कोरोना ही हो। कोरोना का संक्रमण होने पर शुरुआत में ऐसे लक्षण उभरते हैं। कोरोना का संक्रमण होने पर सांस लेने में परेशानी भी होने लगती है। बेहतर होगा कि दहशत में आने के बजाय पहले आप नजदीक के किसी डॉक्टर से फोन पर सलाह लें।

3. कोरोना में होते हैं निमोनिया से मिलते-जुलते लक्षण
निमोनिया से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतने के लिए इसलिए कहा जाता है कि कोरोना का संक्रमण होने और बीमारी बढ़ जाने के बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगती है। यह समस्या ज्यादा बढ़ने पर मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है, जो बेहद खर्चीला होता है। इसके लक्षण निमोनिया से मिलते-जुलते होते हैं, जिसे सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कहा जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, कोरोना के मामूली संक्रमण में 80 प्रतिशत लोग बिना किसी इलाज के ही ठीक हो जाते हैं।

4. बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत
जो लोग 50 साल से ऊपर के हैं और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हार्ट से संबंधित समस्याओं के शिकार रहे हैं, उन्हे कोरोना से बचाव के लिए खास सावधानी बरतने की जरूरत है। इन लोगों को अगर सर्दी-जुकाम और खांसी के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो उन्हें तत्काल मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।

5. धूम्रपान और नशीली चीजों से परहेज जरूरी
किसी भी उम्र के लोग अगर समोकिंग करते हैं तो इसका फेफड़े पर खराब असर पडता है। जो लोग स्मोकिंग करने के आदी हैं, उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि इसे जितनी जल्दी हो सके, छोड़ दें। इसके अलावा, शराब और दूसरी नशीली चीजों से भी परहेज करें। इससे इम्युनिटी कमजोर होती है और किसी भी तरह का संक्रमण जल्दी हो सकता है।

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