कोरोना वायरस (Corona virus) से जहां दुनिया के ज्यादातर मुल्क त्राहिमाम कर रही थी, वहीं एक ऐसा देश था जो इससे निपटने को लेकर मिसाल खड़ा कर दिया। वो देश कोरोना (Corona) से निपटने में बाकी देशों से आगे रहा। आइए जानते हैं उस देश के बारे में जो अगली महामारी का अभी से इंतजाम कर रहा है।
हेल्थ डेस्क. दक्षिण कोरिया (South Korea) वो मुल्क है जो कोरोना से निपटने में सबसे आगे रहा। कई तरह की तैयारी की वजह से यहां कोरोना वायरस से मौत की दर 0.7 फ़ीसदी रहा। जबकि बाकि देशों में स्थिति काफी बुरी थी। दक्षिण कोरिया किसी भी महामारी से निपटने के लिए पहले से तैयारी करता है। उसने यह सबक साल 2015 में फैले मिडिल ईस्ट रेस्पाइरेटरी सिंड्रोम (मर्स) से लिया था। जिस समय मर्स का प्रकोप फैला था, दक्षिण कोरिया में 36 लोगों की जिंदगी चली गई थी। ये मौतें इस देश को संक्रमण से निपटने के लिए त्वरित और उपयोगी कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। इतना ही नहीं दक्षिण कोरिया अपने दृष्टिकोण में भी बदलाव लाने को मजबूर हुआ।
चीन में जब साल 2019 के आखिर में वुहान में कोरोना (Corona) होने का खुलासा किया था, उससे दो हफ्ते पहले दक्षिण कोरिया (South Korea) के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी तिमाही बैठक में एक सैद्धांतिक स्वास्थ्य खतरे पर प्रतिक्रिया की योजना बना रहे थे। ये ऐसा खतरा था जिसे पहले कभी नहीं देखा गया था। इस वायरस की वजह से निमोनिया के केस बढ़ रहे थे। हालांकि दक्षिण कोरिया का यह बैठक अप्रत्याशित था, लेकिन इसकी वजह से यह देश कोरोना से निपटने में कामयाब हुआ।
दक्षिण कोरिया अगली महामारी का इंतजाम कर रहा है
जहां कुछ मुल्क कोरोना से उबर रही है, तो कई जगहों पर इसका प्रकोप अभी भी जारी हैं। लोग वहां इस वायरस से मर रहे हैं।वहीं, दूसरी तरफ कोरिया अगली महामारी की तैयारी कर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक चल रही हैं। उनके मुताबिक ऐसी ही खतरनाक महामारी अगले 10 साल में फिर से सकती है।
लॉकडाउन और मरीजों की तुरंत पहचान करके इस देश ने कोरोना को मात दी
दक्षिण कोरिया की रणनीति का आधार लॉकडाउन को बडे़ पैमाने पर लागू करके मौत को टालना था। शुरुआती संक्रमित लोगों की पहचान करके उन्हें तुरंत आइसोलेशन में रखने की वजह से भी मृत्यु दर कम रही। दक्षिण कोरिया जिस तरह कोरोना के खतरे से निपटा उसका ऑडिट रिपोर्ट तैयार किया गया। 466 पेज की ऑडिट रिपोर्ट तैयार की गई। जो मर्स क्राइसिस के दौरान, कोरिया की डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एजेंसी और दूसरे स्वास्थ्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया पर आधारित थी।
अब हाई-रिस्क ग्रुप और हाई-रिस्क फेसिलिटी पर फोकस किया जा रहा है
संक्रामक बीमारियों और उनकी वैक्सीन के साथ सार्वजिक स्वास्थ्य देखने वाले KDCA के कमिश्नर क्योंग रैन पेक ने कहा, 'हमने सीखा कि मरीजों को तेजी से कैसे ढूंढा जाए और उनके लक्षण दिखने से पहले बाकि लोगों से अलग करना जरूरी है।मर्स के कारण , जब कोविड आया, तब कोरिया ने पहले ही बड़े पैमाने पर एक टेस्ट एंड ट्रेस सिस्टम बना लिया था ताकि बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलने से रोका जा सके। अब कोरिया अगले खतरे से निपटने के लिए हाई-रिस्क ग्रुप और हाई-रिस्क फेसिलिटी पर केंद्रित नए सुधार कर रहा है।
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